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कलेक्टर सुंदर प्रजेंटेशन-रिपोर्ट्स पर नहीं, फील्ड पर काम दिखाएं… सीएम साय ने 10 घंटे चली कांफ्रेंस में दिखाए तेवर… कुछ जिलों की तारीफ, कल एसपी कांफ्रेंस

छत्तीसगढ़ में संभवतः पहली बार ऐसा हुआ कि कलेक्टर्स कांफ्रेंस करीब 10 घंटे लगातार चली और सीएम विष्णुदेव साय ने हर जिले के कलेक्टरों के कामकाज का बारीकी से मंधन किया है। उनके साथ चीफ सेक्रेटरी विकास शील और सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी थे। सीएम साय ने कलेक्टरों से कहा कि सुंदर प्रजेंटेशन और रिपोर्ट्स के बजाय फील्ड पर काम दिखाया जाए। इस दौरान सीएम ने लगातार सख्त तेवर अपनाए रखा और कलेक्टरों से यह भी कहा कि जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि कांफ्रेंस में केवल तल्खी नहीं रही, बल्कि कई जिलों में अलग-अलग योजनाओं के प्रदर्शन की तारीफ भी की गई।

कलेक्टर कांफ्रेंस की शुरुआत में पीएम सूर्यघर बिजली योजना का मंथन किया गया। इस दौरान कोरबा कलेक्टर ने तारीफ पाई, यह बात अलग है कि भाजपा के नेता ननकीराम कंवर कोरबा कलेक्टर को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के कामकाज में बीजापुर जिले का प्रदर्शन अच्छा पाया गया। वहां स्थानीय बोली यानी गोंडी में प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई करवाई जा रही है।
कांफ्रेंस में सीएम शिक्षा गुणवत्ता अभियान में रायगढ़ जिले के नवाचार की प्रशंसा हुई, जहां छात्रों का नियमित मंथली टेस्ट और कमजोर बच्चों के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज चलाई जा रही हैं। हास्टल में एक्सट्रा क्लासेज और टेस्ट के लिए जीपीएम जिले ने भी तारीफ पाई। दंतेवाड़ा में दसवीं बोर्ड के रिजल्ट में 9 प्रतिशत वृद्धि को रेखांकित किया गया। इसी तरह, पीएम जनमन योजना के क्रियान्वयन में मनेंद्रगढ़ और धमतरी को प्रशंसा मिली।

सीएम साय की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस-2025 में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए। बैठक की शुरुआत निर्धारित समय से पहले हुई, जिसने पूरे प्रशासन को मुख्यमंत्री की ओर से वर्क-डिसिप्लिन और परिणाम केंद्रित कार्यशैली का सीधा संदेश दिया। कांफ्रेंस की शुरुआत में ही सीएम ने साफ कर दिया कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम लाभ जनता तक समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुँचना ही सुशासन का वास्तविक अर्थ है। इस दिशा में किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी। सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि यह कॉन्फ्रेंस केवल समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि जनहित के नए मानक तय करने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में परिणाम दिखाई देने चाहिए, केवल रिपोर्टों में नहीं। शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम उद्देश्य आम जनता तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना है। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि जनता के बीच आपकी उपस्थिति और संवेदनशीलता ही आपकी पहचान है।

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