कलेक्टरों के परफॉरमेंस को 8 घंटे से मथ रहे हैं सीएम साय… इतनी लंबी कांफ्रेंस और सीएम के इतने कड़े तेवर… कलेक्टरों को सख्त हिदायत- लापरवाही बर्दाश्त नहीं

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने छुट्टी वाले दिन यानी रविवार को बुलाई गई कलेक्टर्स कांफ्रेंस में सुबह से इस खबर के लिखे जाने तक बेहद सख्त तेवर अपना रखे हैं। छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका है, जब कलेक्टर्स कांफ्रेंस पिछले 8 घंटे से चल रही है और रात 10 बजे तक समापन के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। सीएम साय के साथ इस कांफ्रेंस में सीएस विकास शील और सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी सभी जिलों का पूरा बही-खाता लेकर बैठे हैं। सीएम ने कलेक्टरों से साफ कह दिया है कि सरकार की जनहित की जितनी भी योजनाएं हैं, किसी में कलेक्टरों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिस जिले में धान खरीदी में थोड़ी सी भी अनियमितता की शिकायत आएगी, वहां के कलेक्टर इसके लिए जिम्मेदार होंगे।
कलेक्टर्स कांफ्रेंस में सीएम कई विभागों की योजनाओं के जिलों में क्रियान्वयन पर लंबी चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य एवं केन्द्र शासन की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कलेक्टरों की है। यही नहीं, प्रभारी सचिवों और कमिश्नर्स को भी इसकी समीक्षा करना चाहिए। सीएम योजनाओं को लेकर सुशासन और पारदर्शिता के मापदंडों पर कलेक्टरों के कामकाज को कस रहे हैं। धान खरीदी के बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी अनियमितता मिली तो इसके लिए कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में कोई पात्र किसान छूटना नहीं चाहिए। कलेक्टरों को इस मामले में समय सीमा निर्धारित करते हुए काम करना होगा। उन्होंने अफसरों से दो-टूक कहा कि बस्तर और सरगुजा संभाग में संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा। कलेक्टरों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की नियमित समीक्षा करनी होगी।
कांफ्रेंस में सीएम साय ने कहा कि उनकी सरकार ने पहली कैबिनेट में 18 लाख 12 हजार पीएम आवास मंजूर किए थे। 22 महीने में 7 लाख 17 हजार आवास पूरे हो चुके हैं। कुल 78 फीसदी आवास का निर्माण पूर्ण हुआ है। औसत प्रतिदिन आवास पूर्णता में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम है। यह सिलसिला बरकरार रहना चाहिए। सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को कौशल विकास के कार्यों और प्रशिक्षण को समय सीमा की बैठक में समीक्षा करनी चाहिए।