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कांग्रेसी चेयरमैन और भाजपाई सदस्यों के बीच जंग का मैदान बना महिला आयोग… रोजाना नई शिकायतों-आरोपों से बुरी तरह गहरा चुका विवाद

छत्तीसगढ़ के महिला आयोग में इस वक्त कांग्रेस और भाजपा का घमासान ऐसा है कि दोनों दलों में इतनी लड़ाई फील्ड पर नहीं हो रही है। आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक हैं, वे अदालती स्टे पर सरकार बदलने के बाद से अब तक यानी दो साल से बनी हुई हैं। कुछ अरसा पहले मौजूदा प्रदेश सरकार ने लक्ष्मी वर्मा समेत भाजपा से जुड़ी महिलाओं को आयोग में सदस्य बना दिया है। उसके बाद से आयोग से किसी न किसी विवाद की खबरें सरकार के गलियारों में फैल रही हैं। कुछ दिन पहले सदस्यों ने आरोप लगाया था कि चेयरमैन नायक के साथ उनके पति आयोग के फैसलों में बैठते हैं। इसके बाद चेयरमैन की तरफ से जवाबी हमला हुआ। दो दिन पहले अध्यक्ष डा. नायक ने दुर्ग नन केस में वहां के तत्कालीन एसपी और रेलवे एसपी पर कार्रवाई के लिए डीजीपी को चिट्ठी लिख दी, जिसे लेकर भाजपा में खलबली है। आज एक नया मामला आ गया, जब चेयरमैन के पीए ने आरोप लगा दिया कि आयोग की कुछ सदस्य उनके खिलाफ साजिश कर रही हैं। जानकारों का कहना है कि ऐसा बवाल छत्तीसगढ़ में आज तक किसी निगम या मंडल में नहीं मचा है।

ताजा मामला ये है कि चेयरमैन किरणमयी नायक के पीए अभय सिंह ने आयोग की सदस्यों लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया और दीपिका शोरी के खिलाफ लिखित शिकायत की है कि तीनों सदस्य उन्हें झूठे इलजाम में फंसाने की कोशिश कर रही हैं। चेयरमैन के पीए के रूप में आयोग में तीन साल से काम कर रहे सिंह ने आरोप लगाया कि सदस्य उन्हें दो कौड़ी का आदमी कहकर अपमानित करती हैं। उनपर चेयरमैन के खिलाफ काम करने का दबाव डाला जाता है और इंकार करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है। बता दें कि बेमेतरा की दो महिलाओं ने अभय सिंह पर 25 हजार रुपए लेने का आरोप लगाया है। इसे भी पीए ने झूठा आरोप बताया और कहा कि महिलाओं की ओर से ऐसी कोई शिकायत की ही नहीं गई है। बता दें कि महिला आयोग में हाल में पांच सदस्य नियुक्त की गई हैं। उक्त तीन सदस्यों के अलावा प्रियंवदा सिंह और ओजस्वी मंडावी भी सदस्य बनाई गई हैं, लेकिन विवाद में इन दोनों का नाम नहीं आता है।

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