बस्तर में तीन दशक के आतंक का अग्नि से समापन… हिडमा की माँ, सोनी सोढ़ी भी लिपटकर रोए

(फोटो : हिडमा-राजे का शव। दाएँ-हिडमा की माँ)
झीरम घाटी में कांग्रेसियों के नरसंहार और बस्तर समेत तीन राज्यों में पिछले तीन दशक से नक्सल आतंक का पर्याय बना रहा मड़वी हिडमा और उसकी पत्नी राजे को गुरुवार को एक चिता पर अग्नि दे दी गई है। सुकमा के पूवर्ती गांव में हिडमा-राजे का शव उसकी माँ के पास पहुंचाया गया। चिता पर हिडमा को काली पैंट-शर्ट और रहे को लाल साड़ी में रखा गया। माड़वी हिड़मा की अंत्येष्टि के लिए आदिवासी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी उसके घर पहुंची। अंतिम संस्कार से पहले वह हिडमा के शव से लिपटकर रोती- बिलखती हुई नजर आई।
हिडमा और राजे समेत 6 नक्सलियों को आंध्रप्रदेशकी ग्रेहाउंड फोर्स ने सोमवार को तड़के हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का मेम्बर हिडमा छत्तीसगढ़ में एक करोड़ रुपए का इनामी था। वह झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की नृशंस हत्या के बाद चर्चा में आया था। उसके मारे जाने से बस्तर में नक्सल संस्थान जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच गया है।



