शांत छत्तीसगढ़ में ये कौन सी नस्ल… तीन जवान लड़कों की हत्या की, फिर जश्न की सेल्फी बनाई… फेसबुक पर भी अपलोड करने की खबर

रायपुर के तीन नौजवान लड़कों का कल रात नगरी रोड के एक ढाबे में कत्ल कर दिया गया है। तीनों की मौत के बाद उसी ढाबे के पास हमलावरों ने जीत जैसा जश्न मनाया और सेल्फी तथा वीडियो बनाए। सूत्रों के मुताबिक ये फोटोग्राफ आरोपियों ने फेसबुक पर भी अपलोड किए थे। मंगलवार को दोपहर के बाद ये फोटोग्राफ वायरल होना शुरू हुए हैं। सभ्य समाज के लिए ऐसी तस्वीरें दहलाने वाली हैं। छत्तीसगढ़ में तीन-तीन हत्या करने के बाद ऐसा जश्न शायद ही कभी किसी ने देखा हो। ये कौन लोग हैं, कहां से आए और क्या इस तरह की नस्ल अस्तित्व में आ चुकी है, यह सभी सवाल आम लोगों को डराने वाले हैं। धमतरी से लेकर पूरे छत्तीसगढ़ की पुलिस के लिए यह प्रवृत्ति चौंकाने वाले है। मीडिया में वायरल हो रही यह तस्वीरें सही हैं, तो अब देखना ये है कि शासन-प्रशासन इस मामले में क्या करता है।
ऐसी टिप्पणियां बेमानी हैं कि ये कानून-व्यवस्था पर तमाचा है, सरकारी एजेंसियां नींद में हैं, पुलिस का रौब खत्म हो गया वगैरह। क्योंकि यह सारी बातें राजनीतिज्ञों और विपक्षी दलों को शोभा देती हैं। वे इस मामले को इसी तरह से उठाएंगे। लेकिन आम आदमी की सोच कुछ अलग है। वह ऐसी प्रवृत्ति से डरता है। अगर ऐसे अपराधी सामने आ जाएंगे, तो आम लोग बचकर निकलते हैं, कोशिश करते हैं कि किसी भी तरह से सामना न हो जाए। पुलिस की जिम्मेदारी आम शरीफ आदमी में पैदा हुए इसी डर को खत्म करने की है। साथ ही, अपराधियों को डराकर रखने की भी है। ऐसा डर कि नृशंसता करने से पहले हर अपराधी के मन में एक बार पुलिस का खयाल जरूर आ जाए। उसे कानूनी पंजा भी दिन-रात नजर आए और अपराधी के मन में यह डर जगाकर रखा जाए कि इस पंजे से भाग नहीं पाओगे।