थोड़े रुपए के लिए निहत्थे युवक को बेरहमी से मारने वाले आरोपी लंगड़ाते हुए… पुलिस देखी तो भागने लगे और गिर पड़े… घुटने-टखनों में आई मोच, कंधा भी डिसलोकेट

पेट्रोल पंप का कर्मचारी योगेश जो कुछ हजार रुपए सैलरी के लिए सारी रात ड्यूटी करता था, उसकी चंद रुपयों के लिए बेरहमी से हत्या करनेवालों को भविष्य में जो सजा मिलेगी सो मिलेगी, लेकिन पकड़े जाने के बाद से ही सजा की शुरुआत हो गई। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश करने के लिए निकाला, तब लंगड़ा रहे थे, कराह रहे थे और बिना सहारे से चल नहीं पा रहे थे। पुलिस ने बताया कि जब जवानों ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए घेरा डाला तो वे भागने लगे। भागते समय दोनों इस तरह गिरे कि दोनों के दोनों पैरों के घुटने, टखने, हाथ की कोहनी और कमर में काफी चोटें आईं। दोनों पकड़े गए, फिर क्राइम ब्रांच ने दोनों से जमकर पूछताछ भी की। आरोपियों ने जुर्म कबूला, बाइक वगैरह जब्त करवाई और चाकू धोकर कहां छिपाया, यह भी बता दिया। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के लिए निकली तो दोनों आरोपी बिना सहारे के चल नहीं पा रहे थे। कराह भी रहे थे, लेकिन यकीन करिए कि प्रत्यक्षदर्शियों को जैसे ही पता चल रहा था कि एक बेकसूर नौकरीपेशा युवक को इन लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी, तब उनकी टिप्पणी यही थी- न्याय शुरू हो गया है।
राजधानी नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में अपराधियों में पुलिस का खौफ कुछ कम होने लगा है। इसकी वजह यह है कि वारदात करते हैं, मजे से सरेंडर करते हैं, जेल चले जाते हैं और फिर कभी न कभी जमानत। किसी जमान में पुलिस, खासकर क्राइम ब्रांच या गुंडा स्क्वाड किसी अपराधी को उठाकर ले जाते थे, तब ऐसे अपराधियों के नजदीकी लोगों की रूह कांप जाती थी कि न जाने अब क्या होगा। किसी को पुलिस के दो-चार डंडे पड़ते थे, तो बारिश और ज्यादा ठंड में उन्हीं जगहों पर दर्द होता था, डंडे याद आ जाते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अपराधियों में गुंडा स्क्वाड, क्राइम ब्रांच या थानों का यही खौफ कम हो गया है। खासकर नाबालिग अपराधियों के बेखौफ होने की वजह नशे के साथ-साथ इसी डर का खत्म होना भी है। लेकिन अब पूरे प्रदेश में जगह-जगह गंभीर वारदातों के अपराधी लंगड़ाते नजर आने लगे हैं। वे पुलिस से बचकर भागते हैं और गिर जाते हैं, हड्डियां टूट जाती हैं। जाहिर है कि इस स्थिति में लंगड़ाएंगे ही। ऐसे लंगड़ाते डान ही दूसरे अपराधियों में खौफ पैदा कर सकते हैं।