महासमुंद के भालूकोना में निकल-क्रोमियम का भंडार… इन खनिजों का इस्तेमाल स्टील-इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स में… सीएम साय-सचिव दयानंद ने इसे बताया रणनीतिक छलांग

खनिज के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को महत्वपूर्ण उपलब्धि यह मिली है कि यहां महासमुंद इलाके में निकल (Nickel), क्रोमियम (Chromium) और प्लेटिनम समूह के तत्वों के भंडार मिल गए हैं। ये मिनरल्स महासमुंद के भालुकोना–जामनीडीह के 3000 हेक्टेयर इलाके में मिले हैं। यहां प्रारंभिक अन्वेषण भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने किया था। छत्तीसगढ़ खनिज विभाग के भूविज्ञान एवं खनिकर्म विशेषज्ञों ने भू-वैज्ञानिक आंकड़ों का संकलन कर ब्लॉक की ई-नीलामी करवाई। डेक्कन गोल्ड माइनिंग कंपनी ने टेंडर लिया और वन-पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद रॉक चिप सैम्पलिंग, ड्रोन आधारित मैग्नेटिक सर्वेक्षण तथा इंड्यूस्ड पोलराइजेशन (IP) सर्वे किया। इसी इन्वेस्टिगेशन में 700 मीटर लंबी पट्टी मिली है, जिसमें निकल और क्रोमियम पाया गया है। यहां 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिजों की उपस्थिति है, जो बताती है कि यहां काफी ज्यादा खनिज है। सीएम विष्णु देव साय ने इस खोज पर खुशी जाहिर की और कहा कि यह राज्य और देश के लिए खनिज संसाधनों को सुरक्षित करने की दिशा में निर्णायक कदम है। माइनिंग विभाग के सचिव आईएएस पी दयानंद, ने कहा कि यह खोज केवल एक वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक छलांग है।
खनिज सचिव पी दयानंद ने बताया कि भालुकोना ब्लॉक के समीप केलवरडबरी निकल, क्रोमियम एवं PGE ब्लॉक पूर्व में वेदांता समूह को नीलामी से दिया गया था। इन दोनों ब्लॉकों के संयुक्त विकास से महासमुंद जिला देश के नक्शे में ताकतवर ढंग से उभश्ररा है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को प्राथमिकता दे रहा है। इसका प्रमाण 2024-25 के अन्वेषण प्रस्तावों से नजर आता है, क्योंकि 50% से अधिक प्रस्ताव इन्हीं खनिजों पर केंद्रित हैं। अब तक छत्तीसगढ़ में 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है। इनमें जिनमें ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, PGEs, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट एवं ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज हैं। इसके अतिरिक्त, 6 टिन ब्लॉकों को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय को आगामी नीलामी हेतु सौंपा गया है।