महामाया मंदिर के गर्भगृह में पहुंचा युवक मानसिक रोगी निकला… भटगांव से परिजन इलाज के लिए लाए थे… जल्द ठीक होने की उम्मीद में क्लीनिक से भागकर मंदिर पहुंच गया

राजराजेश्वरी मां महामाया मंदिर के गर्भगृह तक एक युवक के पहुंचने से हड़कंप मच गया था। युवक कैमरे में कैद हुआ था और पुलिस ने इस आशंका पर जांच शुरू की थी कि युवक संभवतः चोरी की नीयत से घुसा होगा। लेकिन तीन दिन की जांच के बाद पुलिस के मीडिया ग्रुप में यह बात प्रसारित की गई है कि युवक की पहचान हो चुकी है और वह चोरी या किसी अपराध की नीयत से मंदिर में नहीं घुसा था। वह मानसिक तौर पर बीमार था और यह सोचकर मां महामाया मंदिर के गर्भगृह में पहुंचा था कि माता की कृपा होगी तो जल्दी ठीक हो जाउंगा। पुलिस ग्रुप में यह भी कहा गया है कि किसी प्रकार की आपराधिक घटना की कोई तस्दीक नहीं हुई है।
पुलिस की ओर से जो संदेश प्रसारित किया गया है, उसके मुताबिक- 26 मई को शाम 7 बजे एक युवक महमाया मंदिर में घुसा और गर्भगृह तक पहुंचा था। उसकी पहचान भटगांव के वैभव निर्मलकर के रूप में हो गई है। परिजनों के मुताबिक युवक की मानसिक हालत ठीक नहीं है। इसलिए उसे इलाज के लिए मनोचिकित्सक डा. खरे के पास लाया गया था। परिजन भी उसके साथ थे। क्लीनिक में युवक को ठीक नहीं लगा, तो वह चुपके से वहां से निकल गया। बीमारी जल्दी ठीक होगी, इस उम्मीद से वह क्लीनिक से भागकर सीधे महमाया मंदिर पहुंच गया। वहां उसने नारियल और चुन्नी खरीदी। वह सीधे गर्भगृह में घुस रहा था, इस दौरान मंदिर के पुजारी ने उसे रोक लिया। ग्रुप में युवक के इलाज के डीटेल्स डाले गए हैं और यह स्पष्ट किया गया कि युवक ने किसी भी प्रकार का अपराध कारित नहीं किया है।