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सातबहिनिया बांध का फूटना भारी पड़ेगा जल संसाधन विभाग पर… सीएम साय विभाग की कार्यशैली से गुस्से में… बांध फूटने से चार मृत तीन लापता

बलरामपुर में भारी बारिश से सातबहिनिया (लुती) बांध के फूटने और बहाव में चार लोगों की मौत तथा तीन के लापता होने की घटना को प्रदेश सरकार ने बेहद गंभीरता से ले लिया है। सीएम विष्णुदेव साय ने इस घटना में जल संसाधन विभाग की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई है। जल संसाधन विभाग सीएम साय के पास ही हैं। सीएम ने कहा कि इस तरह की गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

सीएम साय ने गुरुवार जल संसाधन विभाग के कामकाज की समीक्षा की। इसी दौरान उन्होंने बलरामपुर में लुत्ती बांध के टूटने पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि इस तरह की गलती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत रूप से फील्ड में जाकर बांधों सहित अन्य संरचनाओं का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

महानदी भवन में हुई इस बैठक में सीएम साय ने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और आगामी परियोजनाओं के सम्बन्ध में ज़रूरी दिशा–निर्देश दिए। साथ ही विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने तथा जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए।

बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े  661 काम चल रहे हैं।  1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस तरह 1697 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें लगभग 8966 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव रवि मित्तल और जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो तथा अन्य अफसर मौजूद थे।

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