बस्तर में देश का सबसे बड़ा नक्सल सरेंडर शुरू… कमांडर रूपेश-राजमन के साथ 208 नक्सली पहुंचे हैं 153 वैपन के साथ… सीएम साय के सामने आत्मसमर्पण

देश में अब तक का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर छत्तीसगढ़ के बस्तर में शुरू हो गया है। मवालियों की सेंट्रल कमेटी का मेम्बर कमांडर रूपेश, कमांडर भास्कर उर्फ राजमन और कमांडर रनिता समेत 208 हार्ड कोर नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। नक्सली अपने साथ 153 बंदूकें लेकर आए हैं, जिनमे से ज़्यादातर ऑटोमैटिक हैं। सरेंडर नक्सलियों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष कैडर हैं। जगदलपुर में चल रहे कार्यक्रम में कुछ देर में सीएम विष्णुदेव साय भी पहुँचने वाले हैं। उनके साथ गृहमंत्री विजय शर्मा भी होंगे। सरेंडर करने वाले सभी नक्सली उत्तर बस्तर, खासकर अबूझमाड़ इलाके में सक्रिय थे।
छत्तीसगढ़ के सबसे दुरूह, अनछुए और बुरी तरह नक्सल प्रभावित रहे अबूझमाड़ को पिछले एक साल में फोर्स ने लगभग बूझ लिया है। बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित रहे जिलों नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर के बीचोबीच फैले तकरीबन 4975 वर्ग किमी के पहुंचविहीन बीहड़ अबूझमाड़ को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने कल ही नक्सल हिंसा से मुक्त घोषित किया है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को 31 मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। अबूझमाड़ का नक्सल हिंसा से मुक्त होना इस लक्ष्य का सबसे बड़ा पड़ाव माना जा सकता है। पिछले एक साल में अबूझमाड़ इलाके में फोर्स ने बड़े आपरेशन किए हैं और सौ से ज्यादा खूंखार नक्सलियों को ढेर कर दिया है। यहां से बड़ी संख्या में सरेंडर हो रहे हैं। पिछले 48 घंटे में अबूझमाड़ तथा लगे इलाकों से 258 माओवादी नेताओं और लड़ाकों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था। अभी जगदलपुर में 208 नक्सली और सरेंडर कर चुके हैं। अबूझमाड़ में नक्सलवाद पर सबसे बड़े प्रहार के बाद माना जा रहा है कि अब यहां तथा साउथ बस्तर में छिटपुट नक्सल मूवमेंट ही बच गया है। इसे भी अगले छह माह में काबू कर लिया जाएगा।