राजधानी का वालफोर्ट ग्रुप और इसके प्रमुख पंकज लाहोटी फंसे खेतों में कॉलोनी बनाकर बेचने के केस में… निगम ने कई एकड़ में पहले तो निर्माण गिराया, अब पुलिस को सौंप दिया केस

राजधानी में सक्रिय बड़ी रियल एस्टेट कंपनी वालफोर्ट ग्रुप का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर करते हुए नगर निगम ने इस ग्रुप के प्रमुख पंकज लाहोटी तथा कुछ और बिल्डर्स महेश धनगर, योगेन्द्र वर्मा और देवांगन के खिलाफ मामला पुलिस को सौंप दिया है। नगर निगम की टीमों ने हाल में बोरियाखुर्द इलाके में 25 एकड़ में अवैध प्लाटिंग और अवैध निर्माण का खुलासा करते हुए बुलडोजर एक्शन लिया था। इसी की जांच में वालफोर्ट जैसे ग्रुप और उसके प्रमुख मुखिया पंकज लाहोटी का नाम आया है। वालफोर्ट जैसे ग्रुप का अवैध कार्यों में नाम आना बेहद चौकाने वाला है। इस ग्रुप ने शहर में कई कॉलोनियाँ और रेजिडेंशियल परिसर बनाकर बेचे हैं और इनके पास राजधानी के प्रीमियम कस्टमर्स हैं। अफसरों में चर्चा है कि इस तरह की गतिविधियां सामने आने के बाद अब इस ग्रुप के पुराने और महंगे प्रोजेक्ट्स पर भी दूरबीन लगाने की ज़रूरत है।
बहरहाल, यह पहला मौका है जब निगम ने बड़े बिल्डर और कॉलोनाइजर के खिलाफ पुलिस को कोई प्रकरण सौंपा है। नगर निगम की टीमों ने पिछले दिनों बोरिया खुर्द, न्यू संतोषी नगर और दुर्गा विहार क्षेत्र में अवैध रूप से बने 16 मकानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज कर दिया था। साथ ही 10 एकड़ में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को भी रोककर जमीन को कब्जा मुक्त कराया था। यहाँ कृषि भूमि पर गुपचुप तरीके से अवैध निर्माण किया जा रहा था और मकान बेचने की तैयारी थी। जैसे ही प्रशासन को इसकी भनक लगी, निगम और तहसील प्रशासन की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बुलडोजर रवाना किया और निर्माणों को ढहा
इसी कार्रवाई में हैरतअंगेज़ ढंग से वालफोर्ट ग्रुप के पंकज लाहोटी का नाम सामने आया। बताया जा रहा है कि लाहोटी के 5 एकड़ के प्रोजेक्ट को भी बुलडोजर से ध्वस्त किया गया। इसके अलावा 8 एकड़ में की जा रही अवैध प्लॉटिंग पर भी रोक लगाई गई और स्थल को सील कर दिया गया। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि ये निर्माण कार्य बिना अनुमोदन, बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस और बिना डायवर्शन किए जा रहे थे। साथ ही कस्टमर्स को गुमराह कर कृषि भूमि पर मकान बेचने की कोशिश की जा रही थी। यही मामला अब पुलिस को सौंपा गया है।