बैंक खाता चोरों पर सबसे बड़ा अटैक… आईजी अमरेश की निगरानी में 3 राज्यों में 40 जगह छापे… 62 अरेस्ट, 84 करोड़ की ठगी पकड़ी, 2 करोड़ रु होल्ड
छत्तीसगढ़ में रायपुर रेंज की पुलिस और साइबर टीमों ने बैंक खातों चोरों और साइबर ठगों पर अब तक का सबसे बड़ा अटैक किया है। आईजी अमरेश मिश्रा की निगरानी में रायपुर के 100 से ज्यादा अफसर-कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ समेत 3 राज्यों में पिछले दो दिन में ताबड़तोड़ छापेमारी कर 62 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें साइबर ठगों से लेकर ऐसे लोग हैं, जो अपने खाते ठगों को इस्तेमाल करने देते हैं, एवज में कमीशन लेते हैं। तीन राज्यों में से छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और महासमुंद में छापे मारे गए हैं। आरोपियों को बस में भरकर कोर्ट में पेश किया है। बड़ा खुलासा यह हुआ है कि छत्तीसगढ़ में इन आरोपियों ने लोगों से 84 करोड़ रुपए से ज्यादा की साइबर ठगी की है। सिर्फ यही नहीं, इनके खिलाफ देशभर में 14 सौ से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। इनमें तीन नाइजीरियाई मूल के भी हैं। सभी आरोपियों के खाते होल्ड करवा दिए गए हैं, जिनमें ठगी के 2 करोड़ रुपए अब भी पड़े हैं। आईजी अमरेश ने इस एक्शन को आपरेशन साइबर शील्ड का नाम दिया है। छापेमारियां साइबर क्राइम पोर्टल में म्यूल अकाउंट के काफी दिन तक किए गए एनलिसिस के आधार पर की गई हैं और यह एनलिसिस बेहद गोपनीय ढंग से सीधे आईजी की निगरानी में चला है।
मिली जानकारी के मुताबिक रेंज पुलिस ने सबसे पहले साइबर क्राइम पोर्टल से 11 सौ से ज्यादा म्यूल बैंक खातों का एनलिसिस किया। साइबर फ्राड के पीड़ितों की इन खातों के जरिए भी पहचान की गई। टेक्निकल इनपुट तथा सबूतों के आधार पर इस एनलिसिस में बैंक खाता खुलवाने, खातों का डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग के फर्जी एप, क्रिप्टो करेंसी इन्वेस्टमेंट, गूगल रिव्यू, टास्क, टेलिग्राम टास्क और बैंक केवाईसी के नाम पर किए गए साइबर फ्राड सामने आए। इस आधार पर सारे आरोपियों की पहचान कर ली गई, जो छत्तीसगढ़ में पिछले छह माह के भीतर अलग-अलग साइबर फ्राड में इन्वाल्व थे। अगला चरण छापेमारी का था, जिसके लिए आईजी अमरेश ने रायपुर रेंज, साइबर पुलिस और क्राइम ब्रांच को मिलाकर 100 से ज्यादा अफसरों-कर्मचारियों की टीमें बनाईं। इन टीमों ने तीन दिन पहले से छापेमारी शुरू की, जो बुधवार देर रात पूरी हुई। इन छापों में रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और महासमुंद के अलावा राजस्थान ओर ओड़िशा से 62 आरोपियों को गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया है। इनमें अधिकांश आरोपी सीधे साइबर ठगी में लिप्त हैं, जबकि 20 से ज्यादा आरोपी ऐसे हैं, जिन्होंने 10 से 20 प्रतिशत कमीशन पर अपने बैंक खाते ठगों को इस्तेमाल करने के लिए दिए और उनके खातों में ठगी की रकम पहुंची। बताते हैं कि आरोपी इतनी संख्या में हैं कि इन्हें कोर्ट में पेश करने के लिए बसों का इंतजाम किया गया है। इसे साइबर फ्राड के मामले में छत्तीसगढ़ की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी माना जा रहा है।