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सड़कों पर मवेशियों-इंसानों की जान को बड़ा खतरा… पिछली गोठान योजना बंद होने से बढ़ी थी दिक्कत… मिलते-जुलते कांसेप्ट पर शुरू हुई गौधाम स्कीम

सावन की शुरुआत से पूरे प्रदेश में हजारों मवेशी सूखी जगह की तलाश में सड़कों पर इस तरह आ गए हैं कि कवर्ड हाई-वे को छोड़कर बाकी स्टेट-ग्रामीण सड़कों पर गाड़ियां रोकनी पड़ रही हैं और ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित होने लगा है। अंधेरे में डार्क मवेशी नहीं दिखने की वजह से हादसे भी हो रहे हैं, जिनमें गौवंश के साथ-साथ लोगों की मृत्यु भी हो रही है। पिछली सरकार की गोठान योजना बंद होने की वजह से इस बार हालात और बिगड़े हैं। इसी जरूरत को भांपते हुए सरकार ने गौधाम योजना तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है। यह योजना भी उसी कांसेप्ट पर है कि गोधन की सुरक्षा हो, साथ ही ग्रामीणों को इससे आए हो जिससे रूरल इकानामी को संबल मिले। सीएम विष्णुदेव साय का मानना है कि गौधाम योजना से पशुधन संरक्षण, नस्ल सुधार और रोजगार, तीनों दिशाओं में काम किया जाएगा।

जानकार सूत्रों के अनुसार गौधाम योजना सीएम साय का ब्रेन चाइल्ड है। उन्होंने यह स्कीम इस तरह तैयार करवाई है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सके, साथ ही पशुधन भी सुरक्षित संरक्षित हो सके। योजना का स्वरूप ऐसा है कि निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं की देखभाल के साथ-साथ चरवाहों और गौसेवकों के लिए नियमित आय जेनरेट की जा सके। यह योजना तस्करी या अवैध परिवहन में पकड़े गए पशुओं और घुमंतु पशुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई है। राज्य में पशु तस्करी एवं अवैध परिवहन पर पहले से रोक है। अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस कार्रवाई में बड़ी संख्या में गौवंशीय पशु जब्त किए जा रहे हैं। इन पशुओं और घुमंतु पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए भी यह योजना शुरू की जा रही है। अफसरों के मुताबिक हर गौधाम में क्षमता के अनुसार अधिकतम 200 गौवंशीय पशु रखे जा सकेंगे।

चरवाहों को 11 हजार, गौसेवकों को 13 हजार रु महीना

गौधाम योजना के तहत चरवाहों को 10,916 रुपए प्रतिमाह और गौसेवकों को 13,126 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इसके साथ ही मवेशियों के चारे के लिए प्रतिदिन निर्धारित राशि प्रदान की जाएगी। उत्कृष्ट गौधाम को वहां रहने वाले प्रत्येक पशु के लिए पहले वर्ष 10 रुपए प्रतिदिन, दूसरे वर्ष 20 रुपए प्रतिदिन, तीसरे वर्ष 30 रुपए प्रतिदिन और चौथे वर्ष 35 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। योजना के लिए बजट, नियम और शर्तें तय कर दी गई हैं, ताकि संचालन में किसी तरह की परेशानी न हो।

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