आज की खबर

The Stambh Exclusive: जो बिजी सड़कें 10-15 साल पहले बनकर टूट गईं, फिर मेंटेन होंगी… इस सूची में अभी 40 भीतरी रोड, हर साल 2000 किमी तक टारगेट

छत्तीसगढ़ में नेशनल हाईवे के तहत कई सड़कों और पुलों को बनाने की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन एक और अहम मसला ग्रामीण इलाकों से गुजरनेवाली उन सड़कों की हालत सुधारना है। ये सड़कें 10 से 15 साल पहले बनीं और मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से धज्जियां उड़ गई हैं। ये भीतरी सड़कें बेहद व्यस्त हैं और काफी ट्रैफिक है। इसलिए पीडब्लूडी विभाग ने नई सड़कें बनाने के साथ-साथ इन सड़कों को भी एक-एक बनाने की मुहिम शुरू कर रहा है। प्रदेशभर से फीडबैक और सीएम विष्णुदेव साय के साथ मंथन के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव ने ऐसी अहम सड़कों की एक सूची बनवाई है। पता चला है कि इस सूची में 40 से ज्यादा सड़कें हैं, जिनका एक-एक कर निर्माण शुरू होगा। पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह ने इसकी पुष्टि की और बताया कि फिलहाल सालभर में ऐसी 1500-2000 किमी तक सड़कों को बनाकर ठीक करने का टारगेट है।

सूत्रों के अनुसार यह मुहिम पंडरिया, मुंगेली, तखतपुर बायपास और राजनांदगांव-खैरागढ़ रोड के साथ शुरू की जा रही है। केवल रायपुर और दुर्ग ही नहीं बल्कि बिलासपुर और सरगुजा संभाग में भी ब्लाक मुख्यालयों को जोड़नेवाली कई सड़कों की स्थिति खराब हो चुकी है। ये सड़कें एक-डेढ़ दशक पहले टू-लेन बनाई गई थीं। दो-तीन साल तक मेंटेनेंस गारंटी के बाद इनमें से कई सड़कों की मरम्मत नहीं हुई, जिनसे इनकी हालत खराब है। बरसात में स्थिति और बुरी हो गई है, जबकि इन सड़कों से काफी ट्रैफिक गुजरता है। मिसाल के तौर पर राजनांदगांव खैरागढ़ के बीच रोड खराब हो रही है। यह गंडई होकर सीधे कवर्धा को कनेक्ट करती है। इसी तरह, गुंडरदेही तक की कुछ सड़कों की स्थिति खराब हो गई है, जबकि इन सड़कों से दुर्ग, राजनांदगांव और बालोद जिले कनेक्ट होते हैं। सीएम विष्णुदेव साय ने पिछले हफ्ते जांजगीर-चांपा में अजा विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद ऐसी भीतरी सड़कों की स्थिति पर डिप्टी सीएम साव के साथ मंथन कर इन्हें सुधारने के लिए किसी बड़े प्लान पर काम करने की जरूरत बताई थी। इसी प्लान को फाइनल किया गया है। बताया जाता है कि पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत विभाग के सभी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर्स से उनके इलाके की ऐसी महत्वपूर्ण सड़कों की डीटेल मंगवा रहे हैं, जो बहुत व्यस्त हैं और एकाध दशक से मेंटेनेंस नहीं हुआ। यह दीर्घकालीन योजना नहीं, बल्कि हर साल प्रायोरिटी बेसिस पर चलाई जाएगी ताकि पुरानी सड़कें भी ठीक-ठाक की जाती रहें।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button