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वन विभाग में तेंदूपत्ता बोनस घोटाला… एसीबी छापे में बाबू के यहां मिला साढ़े 26 लाख रु कैश… दर्जनभर ठिकानों पर रेड में मिले कई सबूत

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने वन विभाग के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में गुरुवार को सुबह अफसर-कर्मचारियों के दर्जनभर ठिकानों पर छापे मारकर रात तक जांच की है। छापेमारी में सुकमा के वन विभाग के बाबू राजशेखर पुराणिक का यहां 26.63 लाख रुपए कैश बरामद हो गया है। बोनस घोटाले की जांच में हुई छापेमारी की जद में कोंटा से सीपीएम के विधायक रह चुके मनीष कुंजाम और लघु वनोपज समिति के प्रबंधक को भी दायरे में लिया गया है। एसीबी के मुताबिक वन क्लर्क के यहां कैश मिलने के आलावा लगभग हर जगह से तेंदूपत्ता बोनस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, और इन्वेस्टमेंट के प्रूफ मिले हैं। छापामार दस्तों ने दर्जनभर से ज्यादा मोबाइल तथा इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त किए हैं, जिनका एनलिसिस एक-दो दिन में शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि इस मामले में सुकमा के डीएफओ अशोक पटेल को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। एसीबी ने कुछ दिन पहले निलंबित डीएफओ, दो टीचर, सहायक आयुक्त समेत रायगढ़, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में 14 जगह छापे मारे थे। गुरुवार को 12 और जगहों को कवर किया गया है।

बता दें कि सुकमा में 2021 और 2022 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस के रूप में बांटने के लिए 7 करोड़ रुपए जारी हुए थे, जिसमें अधिकांश रकम तेंदूपत्ता तोड़नेवाले आदिवासियों तक नहीं पहुंची, बल्कि इसकी बंदरबांट हो गई। ज्यादातर पैसे कथित तौर पर वन  विभाग में बांटे गए। इसके अलावा कुछ निजी लोगों को भी लाभ पहुंचाया गया। इन शिकायतों की जांच के बाद एसीबी ने 8 अप्रैल को केस रजिस्टर किया और दो दिन बाद, यानी 10 अप्रैल के फिर छापेमारी कर दी। घोटाला कितने करोड़ रुपए का है, यह एसीबी की जांच में ही स्पष्ट हो जाएगा। रकम सुकमा में ही बंट गई, या फिर राजधानी तक भी आई थी, जांच में यह खुलासा भी होना है।

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