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158 करोड़ के टर्नओवर तक की फर्में पर टैक्स पेमेंट जीरो… जीएसटी ने छापा मारा तो अफसरों को घेरा कारोबारियों ने, मारपीट की खबर

छत्तीसगढ़ जीएसटी के अफसरों ने अंबिकापुर की फर्म बंसल ट्रेडिंग और लक्ष्मी ट्रेडर्स पर इसलिए छापेमारी की, क्योंकि इन फर्मों पर भारी टैक्स चोरी की आशंका है। जीएसटी विभाग के मुताबिक बंसल ट्रेडिंग का सात साल का टर्नओवर 158 करोड़ रुपए आ रहा था, लेकिन जीएसटी का भुगतान जीरो था। इसी तरह, लक्ष्मी ट्रेडर्स का टर्नओवर 96 करोड़ से अधिक आया, लेकिन जीएसटी भुगतान नहीं के बराबर था। बैक टू बैक दो दिन चली इस कार्रवाई से अंबिकापुर के कारोबारी गुस्से में आ गए और शनिवार को जीएसटी की छापेमार टीम से भिड़ गए। अफसर-कर्मियों को घेर लिया गया और खबरें आ रही हैं कि नौबत मारपीट तक आ गई। यही नहीं, व्यापारियों ने विरोध में बाजार बंद किया और सड़क पर नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे मेन रोड का ट्रैफिक ही रुक गया। व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी विभाग बिना पूर्व सूचना के छापेमारी करते हैं, जिससे कारोबार में तनाव और असुरक्षा का माहौल बन गया है। इधर, जीएसटी विभाग ने भी मोर्चा खोल दिया और बंसल ट्रेडिंग के बही-खाते सामने रख दिए, जिसमें भारी टैक्स चोरी के आरोप लगाए गए हैं।

जीएसटी विभाग के मुताबिक भारत सरकार के जीएसटी पोर्टल में इस फर्म का रिस्क स्कोर 10 आ रहा था, जिसका आशय यह है कि ़फर्म कर अपवंचन में संलिप्त है। छापेमार दस्ता फर्म में पहुंचा तो दुकान में कारोबार से संबंधित कोई भी पंजी नहीं थी। यही नहीं, टैली में भी कोई एंट्री नहीं मिली। जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग रू. 158 करोड़ से अधिक है किंतु उस पर कर का नगद भुगतान शून्य किया गया है। ई-वे बिल की जांच की गई तो पता चला कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 29.50 करोड़ की गई किंतु सप्लाई मात्र 50 लाख रुपए की ही हुई। अर्थात बिक्री आम उपभोक्ता को की गई, लेकिन बिल को अन्य व्यवसायियों को बेचकर बोगस इनपुट टैक्स का लाभ दिया गया। इससे केंद्र के साथ राज्य सरकार को भी करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई है। इसी तरह, लक्ष्मी ट्रेडर्स का भी सात साल का टर्नओवर 98 करोड़ रुपए से अधिक पाया गया, लेकिन टैक्स का भुगतान नहीं के बराबर है। साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो ज्ञात हुआ कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 11 करोड़ की गई किंतु माल की सप्लाई मात्र रू. 7 करोड़ की ही की गई है।

जीएसटी के इस दावे के विपरीत, दुकानों पर छापों से अंबिकापुर के कारोबारी बुरी तरह गुस्से में आ गए। जीएसटी टीम को घेरा, धक्का-मुक्की और मारपीट की नौबत आ गई। कारोबारियों ने दुकानें बंद कीं और चाबियां यह कहकर जीएसटी अफसरों को देने की कोशिश की कि जीएसटी विभाग हमें तो बिजनेस नहीं करने दे रहा है, इसलिए चाबियां लेकर आप लोग ही दुकान चला लो। भारी नारेबाजी के बीच चैंबर पदाधिकारियों के हस्तक्षेप से स्थिति कुछ सुधरी है, लेकिन ताजा खबर ये है कि अगले कदम को लेकर कारोबारियों की आपात बैठक जारी है।

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