परिवहन विभाग में लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन की टाइम लिमिट पर सख्ती… सचिव-अपर आयुक्त ने लगाई सभी आरटीओ की क्लास… लोकसेवा गारंटी पर कड़ा रुख

छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग ने लोकसेवा गारंटी के अंतर्गत आने वाली लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन जैसी सात सेवाओं के लिए टाइम लिमिट पर सख्त रुख अपना लिया है। सीएम साय के निर्देश पर परिवहन सचिव एस प्रकाश और एडिशनल कमिश्नर डी. रविशंकर ने शुक्रवार को दोपहर से शाम तक प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (आरटीओ) की बड़ी बैठक ली है। मंत्रालय से वर्चुअल हुई इस अहम बैठक में सभी आरटीओ को निर्देश दिया गया है कि आम लोगों से जुड़े लोकसेवा गारंटी के हर काम की जो टाइम लिमिट तय है, काम उसी समयसीमा में होना चाहिए। कुछ जिलों में टाइम लिमिट में काम नहीं होने की बात आई है। ऐसी शिकायतों पर आरटीओ से जवाब-तलब ही हुआ ही है, सभी को सख्त हिदायत दी गई है कि आम लोगों से जुड़ा हर काम टाइम लिमिट के भीतर करना होगा, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन विभाग में सात सेवाओं को लोकसेवा गारंटी के अधीन रखा गया है, यानी इन कार्यों के लिए समय सीमा तय कर दी गई है और काम उसी टाइम लिमिट में किया जाना है। इसमें लर्निंग लाइसेंस के लिए 10 दिन, लाइसेंस के लिए 21 दिन, इंटरनेशनल लाइसेंस के लिए 30 दिन, गाड़ियों का अस्थायी रजिस्ट्रेशन 15 दिन, ट्रांसपोर्ट गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन 30 दिन, आरसी का नवीनीकरण 15 दिन तथा एनओसी के लिए पुलिस रिपोर्ट के बाद 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है। बैठक में सचिव एस प्रकाश और अपर आयुक्त डी. रविशंकर ने सभी आरटीओ को समय सीमा याद दिलाई है और निर्देश दिए हैं कि हर काम में संबंधित समय सीमा का पालन करना अनिवार्य है। जिन जिलों में गारंटी वाली इन सेवाओं में देरी की शिकायतें होंगी, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। बैठक में दोनों अफसरों ने रेवेन्यू मामले तथा ओवरलोड वगैरह पर कार्रवाई के संबंध में भी ब्रीफिंग दी, क्योंकि बरसात में सड़कों को वैसे ही नुकसान होता है, इस पर ओवरलोड गाड़ियां चलें तो हालात और खराब हो सकते हैं। बैठक दोपहर करीब ढाई बजे शुरू होकर शाम 6 बजे तक चली है। इस दौरान आरटीओ को आम लोगों से संबंधित सभी कार्यों को लेकर निर्देश दिए गए हैं तथा उनकी जिज्ञासाओं को भी स्पष्ट किया गया है।