स्पीकर डा. रमन सिंह इतने नाराज नहीं होते, जितने आज दिखे… विपक्ष पर 25 साल की परंपरा तोड़ने का आरोप, किया सस्पेंड

छत्तीसगढ़ विधानसभा में सत्र के चौथे दिन, गुरुवार को कांग्रेस ने खाद के संकट को लेकर हंगामा मचाया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की खास बाात यह थी कि शांत, धीर-गंभीर और हमेशा मुस्कुराते नजर आने वाले स्पीकर डा. रमन सिंह पहली बार न केवल नाराज नजर आए, बल्कि उन्होंने अपनी नाराजगी का इजहार भी किया। स्पीकर ने खड़े होकर विपक्षी सदस्यों से कहा कि मैंने दो-तीन बार आग्रह किया, फिर भी असंसदीय व्यवहार किया जा रहा है। विपक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा की 25 साल की परंपरा को ध्वस्त करने में लगा है। यह छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपराओं के साथ-साथ प्रदेश का भी नुकसान है। पूरे देश को पता है कि छत्तीसगढ़ ने क्या स्टैंडर्ड स्थापित किए थे, और अब देख रहे हैं कि इन मापदंडों की किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यही नहीं, स्पीकर डा. रमन सिंह ने सभी कांग्रेस विधायकों को नामजद करते हुए सदन से सस्पेंड भी कर दिया।
दरअसल डीएपी की कमी को लेकर सदस्य उमेश पटेल ने सवाल किया था, जिसका सरकार जवाब दे रही थी। सवाल यह था कि डीएपी का वितरण किसानों, सोसाइटियों और व्यापारियों में किस अनुपात में किया गया है। इस पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब दिया कि डीएपी की कमी को लेकर सरकार गंभीर है। केंद्र सरकार से लगातार संपर्क बनाए हुए है। इसके अलावा प्रदेश में किसी खाद का संकट नहीं है। इस जवाब से असंतुष्ट पूर्व सीएम भूपेश बघेल तथा कांग्रेस के कई सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। भूपेश ने दोहराया कि वे किसान हैं और संकट को उनसे बेहतर कोई नहीं जा सकता। हंगामा बढ़ा तो स्पीकर डा. रमन ने सदन 5 मिनट के स्थगित कर दिया।
कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो नारेबाजी करते हुए कांग्रेस विधायक गर्भगृह में चले गए और वहां नारेबाजी करने लगे। स्पीकर डा. रमन सिंह इससे नाराज हो गए। उन्होंने विपक्ष के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी कांग्रेस विधायकों को नामजद कर निलंबित करने की घोषणा कर दी।