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Political Gossip : राज्यपाल से जब भी सीएम साय मिलते हैं, नए मंत्रियों के नाम फिजाओं में तैरने लगते हैं… इस बार भी यही हुआ, मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं गर्म पर पुख्ता कुछ भी नही

छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल की सबसे बड़ी पालिटिकल गासिप क्या है, यह सवाल प्रदेश की राजनीति के किसी भी जानकार से पूछेंगे तो दस में नौ बार जवाब यही आएगा- साय मंत्रिमंडल का विस्तार…। यह चर्चाएं हालांकि हर चौथे-पांचवें दिन छिड़ती हैं, लेकिन उस वक्त बहुत ज्यादा चर्चा होने लगती है, जब सीएम विष्णुदेव साय राज्यपाल से औपचारिक भेंट के लिए राजभवन जाते हैं। शनिवार को भी यही हुआ है। सीएम साय राज्यपाल रमेन डेका से मिले और एक घंटे के भीतर राजधानी और फिर शाम तक पूरे प्रदेश में चर्चा हो गई कि सीएम की विदेश यात्रा (21 अगस्त से) से पहले तीन नए मंत्री आ जाएंगे। सालभर पहले जब यह चर्चा शुरू हुई थी, चार नाम आते थे जिनमें से तीन के मंत्री बनने की अटकलें लगाई जाती थीं। ये चार नाम हैं- अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक। चारों मंत्री रहे हैं और पार्टी के सीनियर विधायक हैं। लेकिन धीरे-धीरे ये नाम मद्धिम पड़ने लगे। पिछले दो-तीन बार से जब भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होती है, नए विधायकों के नाम उछलते हैं। शनिवार को सुबह जो चर्चा छिड़ी, शाम तक ऐसे चार नाम आ गए जो पहली बार के विधायक हैं। आज उछले नामों में गजेंद्र यादव, राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत और प्रबोध मिंज हैं। सुबह चर्चा छिड़ी कि सीएम साय ने राज्यपाल से मिलकर नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह पर बात कर ली है, जो राजभवन में होता है। दोपहर में तीन नाम सामने आए और फिर सरगुजा वालों के बारे में तो यहां तक बात आ गई कि रायपुर बुलाया गया है और वे रवाना हो गए हैं। 21 अगस्त को नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण हो जाएगा। रात तक खबर फैली कि उतनी दूर क्यों जाते हो, 18 या 19 को ही फाइनल है।

मंत्रिमंडल का विस्तार ऐसी चर्चा है, जिसका कोई खंडन नहीं करता। बड़े भाजपा नेताओं से पूछें तो कहते हैं कि बिलकुल हो सकता है, क्यों नहीं हो सकता। सीएम साय के करीबी लोगों से पूछो तो यही जवाब मिलता है कि- हो भी सकता है। अर्थात, किसी मंच से इंकार नहीं होता, इसलिए चर्चाओं को और बल मिल जाता है। भाजपा वाले कहते हैं कि प्रदेश में मंत्रियों के पद खाली हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार कभी न कभी तो होगा। दूसरा, पार्टी का कोई भी स्थानीय बड़ा-छोटा नेता पुख्ता तौर पर नहीं बता सकता कि नए मंत्री कौन होंगे और कब शपथ लेंगे। क्योंकि यह बात स्थानीय स्तर पर तय भी नहीं होनी है। पार्टी के जानकार ही कहते हैं कि जब ऊपर से खबर आएगी, तब कुछ घंटे में तैयारी भी हो जाएगी और शपथग्रहण समारोह भी आयोजित कर लिया जाएगा। ऐसे में अगर मंत्रिमंडल  विस्तार की चर्चा हो रही है, तो इसका खंडन क्यों किया जाए। जहां तक 18 से 21 अगस्त के बीच शपथग्रहण का सवाल है, यह चर्चा सही है या नहीं, इसका फैसला 21 तारीख को हो ही जाएगा। लेकिन यह खबर तो पक्की है कि अब तक किसी भी स्तर पर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का कोई मैसेज कहीं से नहीं आया है।

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