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भिलाई में स्कूली बच्ची की बेइज्जती पर पाक्सो केस… किसी ने नहीं लिखाई रिपोर्ट… पुलिस ने एक पत्र को बनाया आधार

भिलाई से लेकर प्रदेश की राजनीति में खलबली के बाद आखिरकार दुर्ग पुलिस ने डीपीएस की 4 साल की बच्ची की बेइज्जती पर पाक्सो एक्ट तथा अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पिछले एक हफ्ते से पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेस इस मामले में सरकार पर हमलावर थी। पुलिस ने खुद प्रार्थी बनकर पाक्सो का मामला दर्ज किया है, क्योंकि बच्ची के परिजन ऐसी रिपोर्ट लिखवाने के लिए तैयार नहीं थे। पता चला है कि कुछ दिन पहले बच्ची के पैरेंट्स ने स्कूल से टीसी ले ली थी। टीसी के आवेदन में एक abuse शब्द लिखा हुआ था। इसी शब्द को आधार बनाते हुए केस बनाया गया है। लेकिन इस मामले में बड़ा सवाल यह पैदा हो गया है कि आखिर किन परिस्थितियों में पुलिस को अब एफआईआर करनी पड़ी, जबकि मामला एक माह पुराना है।

भिलाई में इस मामले को लेकर करीब एक माह पहले उस वक्त हल्ला मचा था, जब दो सौ से ज्यादा पैरेंट्स ने इसी मामले में कार्रवाई तथा प्रिंसिपल को हटाने की मांग करते हुए डीपीएस का घेराव कर दिया था। यह बात आई थी कि मासूम बच्ची को किसी ने वाशरूम में अपमानित किया है। इस सूचना से पुलिस तुरंत हरकत में आ गई थी। पैरेंट्स रिपोर्ट नहीं लिखवा रहे थे, इसलिए दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला के निर्देश पर पुलिस ने बच्ची की जांच करनेवाले डाक्टर तथा अन्य लोगों के बयान लिए थे। डाक्टर ने रिपोर्ट में कहा था कि इंफेक्शन की आशंका है। पैरेंट्स के रिपोर्ट नहीं करने तथा डाक्टर की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने एफआईआर नहीं की। लेकिन मामले में बड़ा मोड़ तब आ गया, जब भिलाई में कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेसियों ने यह मामला उठाया और पुलिस के साथ-साथ सरकार को भी निशाने पर ले लिया। माहौल गरमाने के बाद बुधवार को पुलिस ने इस मामले में पाक्सो एक्ट में केस रजिस्टर किया और कुछ सीनियर महिला अफसरों को जांच में लगाया है। पुलिस मुख्यालय स्तर पर एफआईआर दर्ज करने की पुष्टि कर दी गई है।

एफआईआर का विरोध किया कुछ पैरेंट्स ने

इधर, भिलाई से खबरें आ रही हैं कि पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज करने का कुछ पैरेंट्स ने कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि जब बच्ची के पैरेंट्स ने अब तक रिपोर्ट नहीं लिखवाई, तब पुलिस ने ऐसा क्यों किया। बताते हैं कि पुलिस ने पैरेंट्स को समझाया कि एफआईआर में जांच हो जाने दीजिए, इससे बच्ची या परिजन को कोई दिक्कत नहीं आएगी, तब लोग माने। मामले की जांच भी आज से ही शुरू कर दी गई है।

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