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पार्टियां, नशा, गर्लफ्रेंड और फायरिंग का असर… वीआईपी रोड के Queens Club के टेंडर पर टेंडर फेल… इतनी प्राइम प्रापर्टी पर किसी को इंट्रेस्ट क्यों नहीं

राजधानी रायपुर की वीआईपी रोड… अच्छे होटल्स, फार्महाउस और मैरिज लान्स के लिए यह सड़क पूरे प्रदेश में फेमस है। इसके इर्द-गिर्द वीआईपी तथा बड़े लोगों की रिहाइश है, इसलिए पाश फील भी है। इसी सड़क पर बेहद  प्राइम लोकेशन पर हाउसिंग बोर्ड की प्रापर्टी है क्वीन्स क्लब। कुछ साल पहले तक यह क्लब खासा प्रतिष्ठित था, शहर का ऊंचा तबका इसका मेंबर था। क्लब को लेकर कभी कोई सुगबुगाहट भी नहीं होती थी, लेकिन लाकडाउन के दौरान एक ऐसी घटना हुई, जिसने इस क्लब का नाम बुरी रह खराब कर दिया। दरअसल लाकडाउन के दौरान जब क्लब समेत सार्वजनिक जगहों पर आना-जाना बैन था, तब एक रात क्वीन्स क्लब में गोली चल गई। वीडियो वायरल हुआ, पुलिस ने अरेस्टिंग की। उस घटना का बारीकी से इन्वेस्टिगेशन शुरू हुआ, तब यहां पार्टियां, शराब, वीड तथा दूसरे सूखे नशे की उपलब्धता और अजीब से क्रिमिनल टाइप कनेक्शन खुलने लगे। इसके बाद हाउसिंग बोर्ड की इस प्रापर्टी के बाहर से ही ओनरशिप ट्रांसफर और करोड़ों रुपए इधर से उधर होने की बातें भी सामने आईं। इन तमाम बातों में कितना सच-झूठ है, यह पता नहीं लेकिन इससे क्वीन्स क्लब की ऐसी बदनामी हुई कि अब कोई इसे चलाने के लिए लेना ही नहीं चाहता। हाउसिंग बोर्ड ने इसे 10 साल की लीज पर देने के लिए इस बार फिर टेंडर निकाला था, लेकिन कोई लेने ही नहीं आया। फिर भी, बोर्ड के हौसले टूटे नहीं हैं। अफसरों ने कहा कि इस बार किसी ने टेंडर में हिस्सा नहीं लिया, तो नया टेंडर फिर निकालेंगे। उसमें जरूर प्राइम लोकेशन की इस प्रापर्टी को कोई न कोई लीज पर ले लेगा।

क्वीन्स क्लब को हाउसिंग बोर्ड ने 2008 में 30 साल की लीज पर दिया था। तब से अब तक इस क्लब पर नगर निगम का 76 लाख रुपए का प्रापर्टी टैक्स चढ़ गया, जो बकाया है। यही नहीं, जिस पार्टी को यह क्लब लीज पर दिया गया था, उस लीज रेंट के बकाए को लेकर भी खासा विवाद रहा। लेकिन रसूखदारों के संरक्षण के कारण पिछली सरकार में क्लब की लीज रद्द नहीं की जा सकी। जैसे ही सरकार बदली, हाउसिंग बोर्ड ने 15 मार्च 2024 को लीज रद्द कर दी। इसे लेकर बवाल मचा, राजनीति हुई लेकिन कोई फैसले को रुकवा नहीं पाया। हाउसिंग बोर्ड ने 6 जून 2024 में इसे तमाम औपचारिकताएं पूरी करके दोबारा लीज पर देने की तैयारी कर ली। प्रक्रिया शुरू हुई, टेंडर जारी कर दिए गए। पहला मुद्दा तो यही था कि इस क्लब की पिछले मामलों में इतनी बुरी तरह बदनामी हो चुकी है कि अच्छे लोग यहां हाथ डालने से पीछे हट गए। इसमें अब ऐसे प्रभावशाली लोगों का इंटरेस्ट बचा है, जिनके पास बाहुबल भी है। बताते हैं कि ऐसे कुछ लोगों की रिंग बन गई है और इस रिंग ने हाउसिंग बोर्ड के लीज रेंट पर टेंडरों को ही फेल कर दिया है। टेंडर फेल होने के बाद क्वीन्स क्लब फिर चर्चा के केंद्र में है। यह किसे जाएगा, बदनामी के बावजूद इसे किस तरह के लोग लेंगे, यह छिपा नहीं रहेगा और खुल-खुलकर सामने आएगा क्योंकि यह क्लब है ही इतनी चर्चा में…।

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