अब पुलिस जांच की क्वालिटी पर फोकस… गृह विभाग की बैठक में सीएम साय के निर्देश- अपराधियों में ख़ौफ़ होना भी ज़रूरी

भारतीय न्याय संहिता का छत्तीसगढ़ में कितना क्रियान्वयन हुआ और क्या बाकी है, इस पर सीएम विष्णुदेव साय ने बुधवार को हाई लेवल मीटिंग की है। सरकार चाहती है कि पुलिस किसी भी अपराध में हाई क्वालिटी इन्वेस्टिगेशन पर फोकस रहे। इससे अपराधियों में ख़ौफ़ रहेगा। सीएम साय ने मंत्रालय में हुई इस मीटिंग में कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) का प्रभावी क्रियान्वयन अपराधियों में भय और जनता में विश्वास पैदा करने में सहायक होगा।
गृह विभाग की इस हाई लेवल मीटिंग में गृहमंत्री विजय शर्मा, चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन, एसीएस मनोज पिंगुआ, सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, डीजीपी अरुणदेव गौतम समेत आला पुलिस अफसर मौजूद थे। घंटों चली इस मीटिंग में सीएम साय ने कहा कि इन कानूनों की प्रभावी समझ और व्यावहारिक प्रशिक्षण पुलिस बल, अभियोजन अधिकारी एवं अन्य संबंधित कर्मियों के लिए आवश्यक है। इसके लिए सभी जिलों में कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया जाए, जिनमें केस स्टडी और मॉक ट्रायल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अपराध अनुसंधान प्रणाली को अधिक प्रभावी, वैज्ञानिक और प्रमाणिक बनाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रकरणों में केवल गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि सटीक और पुख्ता साक्ष्य के आधार पर विवेचना पूरी की जाए ताकि अभियुक्तों को सजा दिलाई जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विवेचना अधिकारियों को आधुनिक अनुसंधान तकनीकों, डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीएनएस प्रणाली और वैज्ञानिक उपकरणों के उपयोग में दक्ष किया जाए। पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए अनुसंधान प्रक्रिया में पारदर्शिता, तत्परता और तकनीकी दक्षता अनिवार्य है। सीएम साय ने साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती को देखते हुए साइबर सेल को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने तथा जनता को साइबर जागरूकता से जोड़ने के लिए अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।



