शराब स्कैमः पूर्व मेयर एजाज ढेबर ईओडब्लू के नोटिस पर दोपहर 1 बजे बयान देने पहुंचे… उधर, इसी केस में अफसर त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत

शराब स्कैम की जांच कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्लू) के हाथ अब पूर्व मेयर एजाज ढेबर तक पहुंच गए हैं। ईओडब्लूड ने चार दिन पहले नोटिस जारी कर इस केस में एजाज और उनके भाई अख्तर ढेबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। एजाज ने नोटिस जारी होने के बाद कहा था कि वे ईओडब्लू की जांच में पूरा सहयोग करेंगे। एजाज और उनकी पत्नी क्रमशः बैरनबाजार और बैजनाथपारा वार्डों से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। मंगलवार को मतदान होने के बाद एजाज बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे ईओडब्लू के दफ्तर पहुंच गए। ईओडब्लू के अफसर उन्हें भीतर ले गए और पूछताछ शुरू कर दी। ईओडब्लू इस केस में पूर्व मेयर होने के नाते भी एजाज ढेबर की भूमिका की पड़ताल कर रही है। बता दें कि एजाज के बड़े भाई तथा कारोबारी अनवर ढेबर पिछले कुछ माह से इसी केस में जेल में हैं। ईडी और फिर ईओडब्लू ने अफसरों के साथ-साथ अनवर ढेबर को भी इस केस में प्रमुख आरोपी बनाया है। यह स्पष्ट नहीं है कि अख्तर ढेबर को नोटिस मिली या नहीं और वे ईओडब्लू गए हैं या नहीं। इस खबर के लिखे जाने तक एजाज से पूछताछ चल रही है।
इधर, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत शराब स्कैम में ही जेल में बंद आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। बताते हैं कि शराब स्कैम से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में शीर्ष कोर्ट ने त्रिपाठी को जमानत देते हुए ईडी को लेकर नाराजगी भी जताई है। कोर्ट ने कहा कि जब संज्ञान ही रद्द हो गया है, तो फिर आरोपी जेल में क्यों रहेगा। कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि जब संज्ञान रद्द हो चुका, तो ईडी ने खुद होकर अदालत को कोई सूचना नहीं दी है। बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब स्कैम की जांच कर रही ईडी ने पिछले साल 8 अगस्त को मनीलांड्रिंग का केस दर्ज करते हुए अरुणपति त्रिपाठी समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन पिछले सप्ताह छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में त्रिपाठी के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में लिए गए संज्ञान को रद्द कर दिया था। हालांकि इस केस में जमानत मिलने के बाद भी अन्य मामले लंबित हैं, इसलिए अरुणपति त्रिपाठी की रिहाई नहीं होगी।