जीरो टालरेंस : शराब में लाखों का गोलमाल, ओवररेट और स्टाक में बड़ी कमी… सीएम साय के निर्देश पर महासमुंद के डीईओ कोष्टी सस्पेंड

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सरकारी विभागों में गड़बड़ी और घपलेबाजी के लिए अफसरों को जीरो टालरेंस की नीति पर सख्ती से अमल करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद शुक्रवार की शाम शासन ने महासमुंद के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी निधीश कुमार कोष्टी को सस्पेंड कर दिया है। उनके खिलाफ इतना बड़ा एक्शन महासमुंद में शराब का ओवररेट, स्टाक में गंभीर कमी और शराब बिक्री की राशि में बड़े गोलमाल की शिकायतों पर लिया गया है। अभी डीईओ कोष्टी को सस्पेंशन अवधि के दौरान आबकारी मुख्यालय में अटैच किया गया है। महासमुंद डीईओ की नियुक्ति जल्द की जाएगी।
आबकारी विभाग के एक आला अफसर ने 29 मई को महासमुंद में घोड़ारी शराब दुकान का औचक निरीक्षण किया था। इसके लिए एक व्यक्ति को ग्राहक बनाकर घोड़ारी की शराब दुकान में भेजा गया। उसे शराब की जिस बोतल को खरीदने के लिए कहा गया था, उसका सही रेट 1760 रुपए था। लेकिन दुकान के कर्मचारियों ने इसकी जगह 200 रुपए लिए। इस आधार पर सीनियर अफसर ने दुकान जाकर पूछताछ की तो सेल्समैन ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। इसके बाद स्टॉक का फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ तो देशी शराब में 1886 पौव्वा कम पाया गया। इसी तरह, बिक्री राशि की तुलना में कैश 3 लाख 8 हजार रूपए कम तथा अंग्रेजी शराब में कैश 1 लाख 99 हजार रुपए कम पाया गया। कुल मिलाकर कैश में करीब 7 लाख रुपए का शार्टेज पाया गया। अफसर ने मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट थी। इस पर संज्ञान लेते हुए शासन ने प्रभारी आबकारी अधिकारी निधीश कोष्टी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्यक स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी। जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है, प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई यह कार्रवाई, सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।



