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हार्ट के तीन वाल्व खराब, नसों में 95% ब्लाकेज… अंबेडकर अस्पताल में ऐसे मरीज की सफल सर्जरी… ऐसे आपरेशन माने जाते हैं दुर्लभ और जटिल

अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग ने एक सोमवार को एक जटिल और दुर्लभ सर्जरी कर ऐसे मरीज की जान बचाई है, जिसके हार्ट के तीनों वाल्व खराब थे और कोरोनरी आर्टरी में 95% ब्लॉकेज था। एक साथ बाईपास सर्जरी और तीन वाल्वों के रिपेयर और रिस्पेसमेंट से जुड़ा यह आपरेशन एचओडी डा. केके साहू और उनकी टीम ने की है। मरीज 58 वर्षीय महिला है, जो पूरी तरह स्वस्थ बताई गई हैं। वह पिछले तीन साल से छाती में असहनीय दर्द और सांस फूलने की शिकायत से परेशान थीं। इस सर्जरी के लिए स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने डाक्टरों की टीम की सराहना की और कहा कि सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गई हैं। डीन डॉ. विवेक चौधरी ने भी इस सफल सर्जरी के लिए पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के कार्डियक सर्जरी डिपार्टमेंट तथा डा. साहू को बधाई दी है।

डा. केके साहू ने बताया कि दुर्ग से आई इस महिला की जांच में पता चला था कि मरीज की कोरोनरी आर्टरी में 95% ब्लॉकेज है तथा हृदय के तीन प्रमुख वाल्व :- माइट्रल, एओर्टिक और ट्राइकस्पिड क्षतिग्रस्त हैं। ईकोकार्डियोग्राफी और कोरोनरी एंजियोग्राफी के बाद निर्णय लिया गया कि सर्जरी बहुत जटिल है, लेकिन यह  करेंगे। कई घंटे चले इस आपरेशन में सबसे पहले  हृदय के धड़कन को बंद किये बिना हार्ट के कोरोनरी आर्टरी की बायपास सर्जरी की गई। इसके बाद हार्ट-लंग मशीन की सहायता से हृदय और फेफड़ों को अस्थायी रूप से रोका गया। इस बीच, हार्ट के चैम्बर्स को खोलकर माइट्रल वाल्व को मेटालिक कृत्रिम वाल्व से बदला गया। एओर्टिक वाल्व को विशेष तकनीक से रिपेयर किया गया तथा ट्राइकस्पिड वाल्व को रिंग लगाकर सुधारा गया। डा. केके साहू ने बताया कि यह यह एक हाई रिस्क सर्जरी थी। एओर्टिक वाल्व रिपेयर केवल चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में संभव होता है। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है और वे शीघ्र ही अस्पताल से डिस्चार्ज लेकर घर लौटने वाली हैं।

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