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छत्तीसगढ़ में दशकों पुराना गुमाश्ता लाइसेंस सिस्टम खत्म… अब आफिस में 10 या ज्यादा कर्मचारी हों तो LIN लेना होगा… इस बारे में बता रहे हैं सीए चेतन तारवानी

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छत्तीसगढ़ में दुकान एवं स्थापना अधिनियम (शाप एंड एस्टेबलिशमेंट एक्ट) 2017 लागू हो गया है। नगर निगम की ओर से पुराने एक्ट 1958 के तहत गुमाश्ता लाइसेंस जारी किया जा रहा था, जो बंद हो गया क्योंकि पुराना अधिनियम निरस्त ही निरस्त कर दिया गया है। राजधानी के प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा छत्तीसगढ़ चेंबर के उपाध्यक्ष चेतन तारवानी ने बताया कि जिन संस्थानों में 10 या ज्यादा कर्मचारी हैं, अब उन्हें लेबर आइडेंटिफिकेशन एग्रीमेंट या LIN की जरूरत होगी। लेकिन यह नगर निगम के बजाय श्रम विभाग से आनलाइन जारी होगा। नगर निगम अब ट्रेड लाइसेंस यानी अनुज्ञप्ति ही देगा, लेकिन ऐसे संस्थानों को जहां कर्मचारियों की निश्चित संख्या होगा। पुराने नियम के तहत जिनके पास गुमाश्ता लाइसेंस है और इस आधार पर करेंट अकाउंट वगैरह खुले हैं, वह जारी रहेंगे यानी बंद नहीं होंगे।

सीए तारवानी ने नए शाप एंड एस्टेबलिशमेंट एक्ट 2017 की विस्तृत व्याख्या की है, जिसमें गुमाश्ता लाइसेंस की जरूरत नहीं है। यह एक्ट 17 फरवरी से प्रदेश में लागू हुआ है। यही वजह है कि नगरीय निकायों ने अब गुमाश्ता लाइसेंस बनाने का काम बंद कर दिया है। इसकी जगह अनुज्ञप्ति जारी की जा रही है। नए एक्ट के तहत LIN की जरूरत सरकारी को छोड़कर अधिकांश कारपोरेट संस्थानों, होटल-रेस्तरां, गोडाउन तथा ऐसे किसी भी तरह के आफिस पर लागू होगी, जहां 10 या कर्मचारी हैं। जिन आफिसों में 8 कर्मचारी, एक सुपरवाइजर और एक मैनेजर है, वहां भी LIN की जरूरत नहीं होगी। एनजीओ के लिए भी LIN लेना होगा, लेकिन यह ऐसे एनजीओ के लिए अनिवार्य नहीं है जो वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम या नशामुक्ति केंद्र चला रहे हों। साथ ही, यह अस्पतालों और क्लीनिक्स के लिए भी अनिवार्य नहीं रहेगा।

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