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रायपुर, दुर्ग-भिलाई की आबादी 5 साल में 50 लाख से पार… रायपुर कैपिटल रीजन बना तो यह कई बड़ी राजधानियों से अधिक… इससे राजधानी में बन सकती है महानगर पालिका

रायपुर और दुर्ग-भिलाई को मिलाकर ग्रेटर रायपुर की बात अरसे से की जा रही है, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि रायपुर को स्टेट कैपिटल रीजन की तरह डेवलप करना ही होगा। राज्य के नीति निर्णायकों का अनुमान है कि रायपुर, नवा रायपुर, दुर्ग और भिलाई को मिलाकर सिर्फ 2030 तक आबादी 50 लाख से पार चली जाएगी। रायपुर से नवा रायपुर केवल 25 किमी और भिलाई 32.6 किमी ही है। दोनों ही ओर जितनी भी कनेक्टिविटी है, सभी के किनारे आबादी बस रही है। इसे रायपुर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) के अंब्रेला में लाकर नई दिल्ली एनसीआर की तरह एक यूनिट में डेवलप किया जा सकता है। इससे एक और बड़ा बदलाव संभव है, और वह है राजधानी रायपुर में नगर निगम की जगह महानगरपालिका का गठन। महानगरपालिका के लिए शहर की आबादी 40 लाख से अधिक होना जरूरी है। रायपुर एससीआर की आबादी इससे ज्यादा होगी, इसलिए महानगरपालिका की संभावना भी बन जाएगी। सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ स्टेट कैपिटल रीजन ( एससीआर) प्राधिकरण की स्थापना के लिए विधेयक का प्रारुप अनुमोदित कर दिया है। पहले तो प्राधिकरण का गठन होगा, लेकिन विधेयक पारित होने के साथ ही रायपुर एससीआर को लेकर चर्चाएं छिड़ गई हैं।

शासन की ओर से अभी सिर्फ यही जानकारी आई है कि रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर में तेजी से बढ़ती आबादी और शहरीकरण को देखते हुए स्टेट कैपिटल रीजन अथारिटी (प्राधिकरण) बनाई जाएगी, जो पूरे क्षेत्र के योजनाबद्ध विकास पर काम करेगी। प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के लिए योजना बनाने, निवेश को बढ़ावा देने, विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के बीच समन्वय तथा शहर के विस्तार को सही ढंग से नियंत्रित करने का काम करेगा। चूंकि 2031 तक इस क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोगों के रहने की संभावना है, इसलिए यहां उपलब्ध भूमि का प्रभावी उपयोग और शहरी विकास सुनिश्चित करना जरूरी है। इस तरह राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों को बेहतर, सतत और सुव्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।

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