सरकारी अफसर-कर्मियों की शेयर-डिबेंचर, म्यूच्यूअल फंड, क्रिप्टो और सिक्योरिटीज में इंट्रा-डे ट्रेडिंग गैरकानूनी… रोज़ ख़रीदी-बिक्री अवचार की श्रेणी में… केंद्र के नियमों में जितना मान्य, यहाँ भी उसी के अनुरूप अनुमति

छत्तीसगढ़ के तक़रीबन 5 लाख सरकारी अफसर-कर्मचारियों के लिए अहम खबर है कि अब वे शेयर और डिबेंचर ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग और म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट नहीं कर पाएंगे, क्योंकि ऐसी तमाम intraday tradings अर्थात् बार-बार ख़रीदी बिक्री राज्य सरकार के अमले के लिए बैन कर दी गई हैं। छत्तीसगढ़ शासन ने सरकारी कर्मचारियों के ऐसी किसी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग को अवचार (मिसकंडक्ट) मानते हुए भ्रष्टाचार की श्रेणी में ला दिया है। इसका आशय यह भी है कि महीने-दो महीने में एकाध बार नार्मल इन्वेस्टमेंट को मिसकंडक्ट के दायरे में नहीं लाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रजत बंसल ने इस आशय का आदेश जारी किया है, जिसका छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया गया। जानकारों ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का आशय यह बिल्कुल नहीं है कि सरकारी अफसर-कर्मचारी इस तरह का निवेश नहीं कर पाएंगे। बल्कि, जैसा कि केंद्र सरकार में लागू है, उसी के अनुरूप ही / securities/ debentures / mutual funds को allow किया गया है। केवल speculative ट्रेडिंग यानी intra-day, BTST, F&O, Crypto जो की *स्पष्टीकरण* में है, वही allowed नहीं है।
इस आदेश ने सरकारी अमले में खलबली मचा दी है, क्योंकि समझा जा रहा है कि शेयर ट्रेडिंग और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने वाले सरकारी अफसर-कर्मचारियों की बहुत बड़ी संख्या है और काफ़ी लोग इंट्राडे ट्रेडिंग यानी बार-बार खरीदी बिक्री भी कर रहे हैं। दरअसल राज्य की इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज अफसर-कर्मचारियों पर लगातार छापेमारी कर रही हैं और अधिकांश छापों में शेयर-म्यूचुअल फंड्स के साथ-साथ क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाने के दस्तावेजी प्रमाण भी मिलते रहे हैं। शासन का मानना है कि अलग-अलग स्रोतों से आए कैश को घर-दफ्तर से इस तरह से इन्वेस्ट करके ग़ायब कर देने की दुष्प्रवृत्ति के अब ज़्यादा प्रमाण मिल रहे हैं।