पूर्व सीएम भूपेश ने हथेली पर चलाया भौंरा, गेड़ी पर चढ़कर चले और कहा- हमारी सरकार गेम चेंजर थी, ये नेम चेंजर है…
हरेली ही नहीं, छत्तीसगढ़ का कोई भी प्रचलित त्योहार हो और पूर्व सीएम भूपेश बघेल का उत्साह नजर न आए, यह नहीं हो सकता। रायपुर के सीएम हाउस में जिस समय सीएम विष्णुदेव साय और परिवार हरेली तिहार मना रहा था, उसी समय सीएम हाउस के पूर्वी गेट के ठीक सामने पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी हरेली के उत्साह में डूबे हुए थे। उन्होंने भौंरा घुमाया और उसे हथेली में चलाकर एक बार फिर लोगों को चकित किया। इसके बाद गेड़ी पर चढ़कर आराम से चले, जिस तरह बचपन में चलते रहे होंगे। छत्तीसगढ़ परंपराओं में अपनी महारत दिखाने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ की मौजूदा भाजपा सरकार पर यह कहते हुए हमला किया- हमारी सरकार “गेम चेंजर” थी, यह सरकार “नेम चेंजर” है…।
पूर्व सीएम भूपेश ने अपने रायपुर स्थित सरकारी निवास पर परंपरागत तरीके से हरेली उत्सव का आयोजन किया। पिछले साल वे हरेली में मौजूदा सीएम हाउस में थे और वहां जिस तरह उन्होंने पर्व मनाया था, ठीक वैसा ही आज पूर्व सीएम के निवास पर मनाया। इस आयोजन में उनकी सरकार में मंत्री रहे कई कांग्रेस नेता, संगठन के पदाधिकारी तथा काफी लोग मौजूद थे। हरेली उत्सव में भूपेश सबके बीच आए, तभी समर्थकों ने इच्छा जताई कि काफी दिन से भौंरा खेलते नहीं देखा। तब भूपेश ने भौंरा मंगवाया और पूरी महारत के साथ उसे छोटे से मंच पर चलाया। इसके बाद उसी रस्सी से भौंरे को उठाकर हथेली पर रख लिया। मंच से नीचे आए तो समर्थकों ने उन्हें गेड़ी दी। एक-दो सेकंड में भूपेश पूरी महारत के साथ गेड़ी पर चढ़ गए और लेकर घूमने लगे। फिर बताया कि बरसात में जब ग्रामीण रास्तों और खेतों में कीचड़ होता था, कीड़े-मकोड़ों का खतरा रहता था, तब छत्तीसगढ़ के अधिकांश लोग गेड़ी पर जमीन से दो-तीन फीट तक की ऊंचाई पर चलते थे, खेत तक जाते थे। भूपेश ने भी अपने निवास पर परंपरागत छत्तीसगढ़िया व्यंजन बनवाए थे, जिसका सभी मेहमानों ने आनंद लिया। उन्होंने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ के सभी लोगों को हरेली की शुभकामनाएं दीं और किसानों के हित में पूर्ववर्ती भूपेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख भी किया।