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शातिराना प्लान : मर्डर के लिए किराए से घर और अल्टो खरीदी… कोरबा एड्रेस का फर्जी आधार बनाया… इन्हीं होशियारियों में फंसे वकील दंपत्ति… एसएसपी डा. लाल उमेद ने टीम को दिया इनाम

रायपुर स्टील ट्रंक मर्डर केस में जिस वकील दंपत्ति अंकित उपाध्याय और शिवानी शर्मा को आरोपी बनाया गया है, पुलिस के आला अफसर भी उनके मर्डर के प्लान से दंग रह गए। प्लान बेहद शातिराना था, लेकिन छोटे-छोटे ऐसे क्लू छूट गए, जिनकी वजह से वकील दंपत्ति बच नहीं पाए। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने किशोर पैकरा मर्डर केस में जो खुलासा किया है, वह चौंकाने वाला है। बयान के मुताबिक आरोपियों ने मर्डर को अंजाम देने के लिए सबसे पहले एक पुरानी अल्टो कार खरीदी। फुटेज में ट्रंक ले जाते हुए जिस कार का नंबर मिला, उसके मालिक ने बताया कि अंकित उपाध्याय ने एक माह पहले कार खरीदी थी। वारदात के एक हफ्ता पहले अंकित और शिवानी ने रायपुर में करबलापारा के एक व्यक्ति से इंद्रप्रस्थ कालोनी का मकान किराए पर लिया। इन सबसे पहले, अंकित उपाध्याय ने अपना फर्जी आधार कार्ड बनवाया, जिसका एड्रेस कोरबा का था। पुलिस को किशोर पैकरा मर्डर में तगड़े सुराग भी वहीं मिले, जिसे फूलप्रूफ समझकर प्लान किया गया था। सबसे पहले, जिस स्टील ट्रंक में लाश मिली थी, वह गोलबाजार की एक दुकान से खरीदा गया था और वहां शिवानी ने आनलाइन पेमेंट कर दिया। इससे क्राइम ब्रांच को साइबर पुलिस की मदद से शिवानी की डीटेल मिल गई। जिस अल्टो कार का फुटेज मिला, उससे कार का नंबर मिला और मालिक का पता लगाते हुए पहुंची पुलिस को शिवानी के पति अंकित का नाम मिल गया। पेटी जिस मकान से उतारी गई, उसका फुटेज भी था। इससे पुलिस को मकान मालिक का पता मिला, जिसने बताया कि सत्यम विहार के अंकित और शिवानी को किराए पर दिया था। इन संकेतों के आधार पर क्राइम ब्रांच सत्यम विहार पहुंच गई। इस बीच, अंकित और शिवानी के नंबरों की लोकेशन से स्पष्ट हो गया कि रायपुर एयरपोर्ट पर थे और दिल्ली पहुंच रहे हैं। चूंकि सारे प्रथमदृष्टया सबूत दोनों की तरफ इशारा कर रहे थे, इसीलिए बिना देरी किए क्राइम ब्रांच ने दिल्ली एयरपोर्ट में सीआईएसएफ से संपर्क किया और हुलिया बताया। यहां से एक टीम रात में ही फ्लाइट से रवाना हुई, इस बीच सीआईएसएफ ने दोनों को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रोक लिया। यह सब स्टील ट्रंक मिलने के सात-आठ घंटे के भीतर हो गया।  यहां लाने के बाद वकील दंपत्ति से हुई पूछताछ में पूरी कहानी का खुलासा हो गया।  नेक्सट लेवल का इन्वेस्टिगेशन… ईनाम घोषित रायपुर एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह ने स्टील ट्रंक मर्डर को रायपुर क्राइम ब्रांच का नेक्स्ट लेवल का इंवेस्टिगेशन बताते हुए जांच में शामिल सारे अफसरों से सिपाहियों तक को ईनाम देने की घोषणा की है। इन इन्वेस्टिगेशन की मानीटरिंग आईजी अमरेश मिश्रा, एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह, एएसपी डीआर पोर्ते, एएसपी क्राइम संदीप मित्तल और डीएसपी क्राइम संजय सिंह ने की। भारी भरकम इन्वेस्टिगेशन टीम का नेतृत्व क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर परेश पांडे और डीडीनगर टीआई एसएन सिंह ने किया। टीम में क्राइम ब्रांच से सब इंस्पेक्टर मुकेश सोरी और राजेंद्र कंवर, एएसआई प्रेमराज बारीक, अतुलेश राय, फूलचंद भगत और शंकरलाल ध्रुव, हेड कांस्टेबल गुरदयाल सिंह, अनूप मिश्रा, उपेंद्र यादव, संतोष दुबे, कृपासिंधु पटेल, सुरेश देशमुख, घनश्याम साहू और बसंती मौर्य तथा आरक्षक प्रमोद बेहरा, पुरुषोत्तम सिन्हा, प्रशांत शुक्ला, हरजीत सिंह, किसलय मिश्रा, महिपाल सिंह, भूपेंद्र मिश्रा, अविनाश देवांगन, अभिषेक तोमर, अमित वर्मा, निदेश राजपूत और अविनाश टंडन तथा डीडीनगर थाने से एएसआई अनंत बारी,, अरुण तिवारी और सरस्वती वर्मा शामिल थे।

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