पहली बार… प्रयागराज महाकुम्भ में सेक्टर-6, लक्ष्मी द्वार के पास छत्तीसगढ़ पैवेलियन… यहां नजर आएगी हमारी संस्कृति और विकास गाथा
प्रयागराज महाकुम्भ के लिए छत्तीसगढ़ से रोजाना हजारों लोग प्रयागराज जा रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महाकुम्भ में अपना पवैलियन स्थापित किया है। इस पवैलियन में छत्तीसगढ़ की गौरवशाली परंपरा के साथ-साथ सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार के एक साल में किए गए कार्यों तथा बढ़ते छत्तीसगढ़ के कांसेप्ट की झलक है। पवैलियन में छत्तीसगढ़ के लोगों को महाकुम्भ की जरूरी जानकारियां दिलवाने की भी व्यवस्था है। छत्तीसगढ़ पवैलियन प्रयागराज महाकुम्भ में सेक्टर-6 में लक्ष्मी द्वार के पास है। यहीं भारत सरकार का कलाग्राम भी बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ पवैलियन का प्रवेशद्वार ही ऐसा है कि इसकी दूर से पहचान कर सकते हैं। इसके प्रवेश द्वार को गौर मुकुट का रूप दिया गया है। प्रवेश द्वार पर ही बस्तर के चित्रकोट वाटरफाल की तस्वीर लगी है। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी और दूसरी ओर सीएम विष्णुदेव साय के बड़े कटआउट हैं। पैवेलियन में जैसे ही दाखिल होंगे, सामने छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गयी है। प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी और मंदिरों के फोटों हैं तथा उनका ब्योरा भी दिया गया है। बांयी ओर छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण स्थापित किया गया है। छत्तीसगढ़ की प्रदर्शनी लगी है, जिसमें प्रवेश से पहले ही बस्तर के ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं विशेषतर मोर आवास मोर अधिकार योजना, 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शायी गयी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को बनाया गया है। स्थानीय और देशभर से आए श्रद्धालु छत्तीसगढ़ को करीब से जान पाएं, इसके लिए वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से शासन की योजनाओं और छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी साझा की जा रही है। इन तकनीकों के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने का उत्साह देशभर से आए लोगों में है। वहां लंबी लाइन देखी जा रही है। छत्तीसगढ़ पवैलियन को इस तरह से बनाया गया है कि वहां जाने से यह एहसास होता है कि पूरे छत्तीसगढ़ को ही यहां बसा दिया गया है।