बस्तर में सरेंडर की बाढ़… सिर्फ 24 घंटे में 45 माओवादियों ने डाले हथियार… नक्सलगढ़ सुकमा में ही 23 आत्मसमर्पण… अब गोली नहीं, विकास की गूंज- सीएम साय

बस्तर में पिछले चौबीस घंटे में नक्सलियों की सरेंडर की जैसे बाढ़ आ गई है। इस दौरान अलग-अलग जिलों में 45 ईनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है। बड़ा सरेंडर धुर नक्सल प्रभावित माने जाने वाले सुकमा में हुआ है। वहां 1.18 करोड़ रुपए के ईनाम वाले 23 माओवादियों ने हथियार डाल दिए हैं, जिनमें कई कमांडर भी हैं। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर में अब बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली गूंज उठी है।
सीएम साय ने कहा कि पिछले 15 महीनों में बस्तर में 1521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह राज्य सरकार की नई सरेंडर पालिसी की कामयाबी है। सरकार हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों को न केवल सामाजिक सम्मान, बल्कि पुनर्वास और आजीविका का मौका भी दे रही है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सीएम साय ने पोस्ट की कि माओवादियों की मुख्यधारा में लौटने की कोशिश बल्कि विश्वास की उस जीत का प्रतीक है, जिसे हमारी सरकार ने ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं के जरिए गांवों तक पहुँचाया है। अब बस्तर में बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली सुनाई दे रही है। सीएम ने भरोसा जताया कि पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह के विजन के अनुरूप हमारा प्रदेश तय समय-सीमा यानी मार्च 2026 तक नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।