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छत्तीसगढ़ में लीथियम, नियोबियम, टेण्टेलम, टाईटेनियम जैसे मिनरल्स का अन्वेषण और तेज… यह देश-प्रदेश के विकास में नए युग की शुरुवात- आईएएस दयानंद

छत्तीसगढ़ भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ की 25वीं यानी सिल्वर जुबली बैठक में भूवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की ओर से चौंकाने वाले खुलासे होाते रहे। भारत सरकार के खनिज मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के आधार पर ब ताई गई कि केंद्र ने छत्तीसगढ़ में इस साल चूनापत्थर का एक तथा बाक्साइट का एक अन्वेषण प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है। स्ट्रैटेजिक मिनरल्स में लिथियम, नियोबियम, टेण्टेलम, टाईटेनियम दुर्लभ मृदा धातुओं का एक अन्वेषण प्रोजेक्ट तथा आयरन ओर का एक अन्वेषण प्रोजेक्ट भी स्वीकृत हैं। बैठक की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ के माइनिंग सेक्रेटरी तथा सीएम के सचिव आईएएस पी दयानंद ने कहा कि राज्य में स्ट्रेटजिक एवं क्रिटिकल मिनरल की खोज विकास के एक नए युग की शुरूआत है।

न्यू सर्किट हाऊस में हुई छत्तीसगढ़ भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की इस बैठक में अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में केन्द्र सरकार तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागो, उपक्रमों के प्रतिनिधि तथा प्रदेश के माइनिंग डायरेक्टर रजत बंसल भी मौजूद थे। बैठक में आईएएस पी दयानंद ने कहा कि खनिज किसी भी राज्य और देश के सर्वांगीण विकास की रीढ़ है। छत्तीसगढ़ में खनिज अधारित नए उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य में विद्यमान विभिन्न खनिजों का सतत् एवं व्यवस्थित अन्वेषण भी होना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया गया कि छत्तीसगढ़ के समग्र विकास हेतु कुशलता, संसाधन एवं उपलब्ध नवीनतम तकनीक का उपयोग कर प्रदेश में महत्वपूर्ण खनिजों का अन्वेषण करे। पी दयानंद ने छत्तीसगढ़ में खनिज के विकास पर काम कर रही एजेंसियों के मध्य उत्पादित आंकड़ों के साझा किये जाने एवं समन्वय की सलाह भी दी। माइनिंग डायरेक्टर रजत बंसल ने 2024-25 में हुए कार्यों का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि इस साल लगभग 2500 मिलियन टन चूनापत्थर एवं लौह अयस्क के लगभग 93 मिलियन टन भण्डार आंकलित किये गये। आगामी क्षेत्रीय सत्र 2025-26 के अन्वेषण परियोजनाओं में विभाग द्वारा महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों को शामिल किया गया है। बताया गया कि खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में एनएमइटी के तहत वर्ष 2024-25 में चूनापत्थर हेतु एक एवं बाक्साइट हेतु एक अन्वेषण परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। अधिसूचित निजी अन्वेषण संस्थान को एनएमइटी के तहत् राज्य के अन्वेषण कार्य हेतु दो प्रस्ताव स्वीकृत किये गये थे। जिसमें एक लीथियम, नियोबियम, टेण्टेलम, टाईटेनियम दुर्लभ मृदा धातुएँ एवं एक लौहअयस्क के प्रस्ताव सम्मिलित हैं।

भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के उप महानिदेशक डॉ. अमित धारवारकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बाक्साइट, गोल्ड, ग्लूकोनाईट, लीथियम, टाईटेनियम दुर्लभ मृदा धातुएँ, फास्फोराइट, फ्लोराईट, लेड एवं जिंक खनिज हेतु सर्वेक्षण कार्य किया गया है। वर्ष 2025-26 में विभिन्न खनिजों के कुल 29 परियोजनाओं पर कार्य लिया जा रहा है। इस बैठक में आईबीएम रायपुर के रीजनल कंट्रोलर प्रेम प्रकाश, रीजनल माइनिंग जियोलॉजिस्ट डी. दास, जीएसआई रायपुर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल अमित ए धारवाड़कर, एएमडी के सेंट्रल रीजन के क्षेत्रीय निदेशक एसआर मंथनवार और एनएमडीसी, सीआईएल, वेदांता, अल्ट्राटेक, डेक्कन गोल्ड के अधिकारी एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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