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पेट्रोल में इथेनाल ज्यादा या बात कुछ और… रायपुर की पेट्रोल गाड़ियों का माइलेज डाउन समेत छोटी शिकायतें… कलेक्टर ही करवा सकते हैं इसकी जांच

पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा वर्तमान में 10% से 20% तक हो सकती है। इसे E10 या E20 के रूप में जाना जाता है, जिसका मतलब है कि पेट्रोल में 10% या 20% इथेनॉल मिलाया गया है।

पिछले करीब एक माह से राजधानी के टू-व्हीलर्स से लेकर पेट्रोल कारों में माइलेज डाउन होने या छोटी-मोटी खराबियां आने की शिकायतें बढ़ने लगी हैं। गाड़ियों के जानकारों का कहना है कि पेट्रोल की क्वालिटी को लेकर शंका है, जो शिकायतें आ रही हैं, उनका ताल्लुक इंजन या उन पार्ट्स से है, जो सीधे फ्यूल की क्वालिटी से संबंध रखते हैं। कुछ लोगों की शिकायत है कि बीपीसीएल के पंपों में पेट्रोल भरवाने से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। हालांकि ये बेहद तकनीकी आरोप है, जिसकी पुष्टि कलेक्टर के निर्देश पर होने वाली विशेष जांच से ही की जा सकती है। बीपीसीएल कंपनी के सेल्स हेड अतुल कुमार ने ऐसी शिकायतों को गलत बताते हुए कहा है कि पेट्रोल में इथेनाल मिलाने का सरकार की ओर से एक स्टैंडर्ड दिया गया है और उनकी तथा सारी फ्यूल कंपनियां इस स्टैंडर्ड का सख्ती से पालन करती हैं। इसलिए यह संभव नहीं है कि डिपो से सप्लाई हो रहे फ्यूल में एथेनाल की मात्रा कम या ज्यादा होने की संभावना है। जिला प्रशासन से आला अफसरों का कहना है कि अभी उनके पास ऐसी शिकायतें नहीं आई हैं। अगर शिकायतें आती हैं और किसी एक पेट्रोल पंप के बजाय सभी के फ्यूल के कारण ऐसी दिक्कतों की पुष्टि होती है, तो फ्यूल क्वालिटी की व्यापक जांच करवाई जा सकती है।

पूरा मामला अभी केवल शिकायत के स्तर पर है तथा बड़े-छोटे गैरेजों के तकनीशियन बता रहे हैं कि गाड़ियों के कारबोरेटर से लेकर इंजन तक ऐसा तरल मिल रहा है, जो ज्वलनशील नहीं है और गाड़ियां बंद हो जा रही हैं। यह शिकायत आम है कि पेट्रोल कारों का जितना माइलेज आ रहा था, अभी उससे कुछ कम ही निकल रहा है। बिना किसी जांच के अधिकांश तकनीशियन और मिस्त्रियों का कहना है कि शायद पेट्रोल में एथेनाल की मात्रा बढ़ गई होगी, जिसका यह असर देखने में आ रहा है। उनके पास भी ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, जिससे यह साबित हो सकता है कि पेट्रोल में एथेनाल की मात्रा निर्धारित से ज्यादा है। पेट्रो कंपनियां ऐसी शिकायत को गलत बता रही हैं। हालांकि अफसरों का कहना है कि यह पेट्रो कंपनियों को भी जांच कर लेनी चाहिए कि पुख्ता तौर पर पेट्रोल में एथेनाल की मात्रा मानकों पर ही है, या कुछ कमी रह गई है। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि अगर किसी पेट्रोल पंप के बारे में ऐसी स्पेसिफिक बात आ रही है, तो उसकी जांच करवा ली जाएगी।

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