ईओडब्लू का खुलासा… कवासी लखमा ने जगदलपुर में सीमेंट कंपनी भतीजे के नाम खरीदी… 4 करोड़ के सौदे में बैंक पैमेंट 15 लाख ही, बाकी रायपुर से कैश भुगतान

छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब स्कैम की जांच के बाद छत्तीसगढ़ की एजेंसी आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्लू0 ने जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ चालान पेश कर दिया। इस चालान में एक और मामले का खुलासा हुआ है, जो बात अब तक बाहर नहीं आई थी। चार्जशीट में ईओडब्लू ने आरोप लगाया कि कवासी लखमा ने शराब स्कैम के पैसों से अपने भतीजे कवासी भीम के नाम पर जगदलपुर में बंद पड़ी सीमेंट कंपनी खरीदी थी। चार्जशीट के अनुसार रुद्र सीमेंट के नाम की यह कंपनी तकरीबन 20 साल से बंद थी। यह कंपनी 10 एकड़ जमीन पर है और इसके मालिक का नाम पीआर अग्रवाल बताया गया है। ईओडब्लू ने चार्जशीट में आरोप लगाया कि इस कंपनी का कवासी भीमा के नाम पर 4 करोड़ रुपए में सौदा खुद कवासी लखमा ने फाइनल किया था। 2020 में जब लखमा आबकारी मंत्री थे, तब यह सौदा हुआ। सौदे के बाद जमीन की लीज भीमा के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई। ईओडब्लू ने चालान के साथ जो दस्तावेज और बयान लगाए हैं, उनके मुताबिक 4 करोड़ रुपए में से केवल 15 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन बैंक से हुआ, जो सरकारी कागजों से प्रूफ है। शेष 3 करोड़ 85 लाख रुपए की रकम का पेमेंट दो नंबर पर किया गया। इनमें से 3 करोड़ रुपए का भुगतान रायपुर में किया गया। बची हुई रकम का भुगतान जगदलपुर में करवाया गया।
बता दें कि इस चालान में और भी तथ्य हैं, जो चर्चा में आ चुके हैं। चालान में ईओडब्लू ने घोटजाले की राशि को लेकर डिजिटल सबूत होने का दावा किया है। शराब स्कैम की रकम 1660 करोड़ रुपए बताई गई है। चालान में कहा गया कि आरोपियों की वाट्सएप चैट के जरिए संपर्क, विभाग से कमीशन की वसूली और सिंडीकेट के काम को प्रभावी बनाने के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म पर पर हुई बातचीत के रिकार्ड का ईओडब्लू ने एनलिसिस भी किया है। चालान में कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा का भी उल्लेख है।