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ईडी ने सहेली ज्वैलर्स, पप्पू बंसल, ढिल्लन और दीपेंद्र के साथ निकाला चैतन्य का कनेक्शन… दुर्ग और बिलासपुर में इन्वेस्टमेंट के शक पर अरेस्टिंग… एक सच ये भी- चैतन्य शांत, हंसमुख, माता-पिता का आज्ञाकारी बेटा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को पाँच दिन की रिमांड पर लिया है। कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी को पूरी तरह राजनीति प्रेरित बताया है। द स्तम्भ ने ईडी सूत्रों तथा चैतन्य के गिरफ्तारी पत्रक के ज़रिए यह पता लगाने की कोशिश की है कि आख़िर पूर्व सीएम भूपेश के बेटे की गिरफ्तारी के पीछे एजेंसी ने क्या तर्क दिए हैं। जो बात ईडी की कार्रवाई में प्रमुखता से उभरकर आई है, वह ये है कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी सहेली ज्वैलर्स, पप्पू बंसल, त्रिलोक ढिल्लन और दीपेंद्र चावड़ा के साथ कथित कनेक्शन और अलग-अलग प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट को लेकर की गई है। इस मामले में ईडी ने दुर्ग के बघेल बिल्डकॉन और बिलासपुर के विट्टल ग्रीन्स को भी जाँच के दायरे में रखा है। ईडी ने इनमे से कई लोगों के बयानों का हवाला देते हुए यह लिख रखा है कि इस पूरे चेन के ज़रिए क़रीब 1000 करोड़ रुपए लगाकर पैसे सफेद करने की कथित कोशिश का पता चल रहा है। इस चेन में अनवर ढेबर द्वारा दीपेंद्र को दिए गए शराब स्कैन के पैसे भी गए हैं। इनमे से अधिकांश लोग शराब स्कैम में ही जेल में बंद हैं।
ईडी ने बयानों के आधार पर चैतन्य के ख़िलाफ़ फिलहाल जो मामला फ्रेम कर रखा है और कोर्ट को भी आरोपियों के बयानों के आधार पर जो जानकारियां दी हैं, उनमे सहेली ज्वैलर्स और पवन बंसल को बड़ा लोन देने और फिर उस लोन से बघेल बिल्डकॉन के लिए 6 बड़े प्लॉट की कथित खरीदी का उल्लेख है। ईडी के वकीलों के अनुसार इसी बिल्डकॉन में ढिल्लन की ओर से अपने कर्मचारियों के नाम पर 19 फ्लैट की कथित खरीदी दिखाई गई हैं। बिलासपुर के विट्टल ग्रीन्स में करीब 14 करोड़ के इन्वेस्टमेंट और केवल ढाई करोड़ की बिलिंग के आरोप की भी रिमांड के दौरान ईडी पड़ताल करेगी। ईडी ने बयानों के आधार पर जांच का एक और बिंदु तय किया है। इसके मुताबिक अनवर ढेबर की ओर से रकम दीपेंद्र को दी जाती थी। दीपेंद्र से पैसे रामगोपाल अग्रवाल और बिलासपुर के केके श्रीवास्तव को पहुंचाए जाते थे और इसी चेन में ईडी ने चैतन्य का कनेक्शन भी जांच के दायरे में लिया है।

ईडी चैतन्य बघेल के ख़िलाफ़ जो भी मामला बनाएगी, वह उपरोक्त बिंदुओं के इर्द-गिर्द ही रहने वाला है। ईडी इन बिंदुओं पर कोर्ट में कोई साक्ष्य पेश कर पाएगी या नहीं, यह बात आने वाले समय में साफ़ होगी। कांग्रेस का बड़ा वर्ग आरोप लगाता रहा है कि ईडी के पास कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं हैं। सब कुछ बयानों के आधार पर कपोल कल्पित कहानियां गढ़ी गईं हैं। उद्देश्य केवल विपक्ष को हतोत्साहित करना है। जहाँ तक भूपेश बघेल का सवाल है, पिछले कुछ महीनों से वे पूरी डबल इंजन सरकार पर हमले कर रहे हैं और बेहद आक्रामक हैं। कांग्रेस के सारे आला नेताओं का आरोप है कि भूपेश को न्यूट्रेलाइज़ करने के लिए ही सीधे उनके बेटे चैतन्य को निशाना बना दिया गया है। ईडी के आरोपों के इतर अगर चैतन्य की बात की जाए, तो उसकी छवि भी साफ़-सुथरी रही है। चैतन्य हंसमुख और शांत तो है ही, परिवार के लोग उसे माता-पिता का बहुत आज्ञाकारी भी बताते हैं। पाँच साल की भूपेश सरकार के दौरान चैतन्य का गवर्नमेंट में इंटरफेरेंस कभी ज़ाहिर नहीं हुआ, जबकि सीएम के बेटे के तौर पर कई तरह की बातें आ सकती थीं।

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