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ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस सड़क पर… सभी जिलों में कल, 15 को धरना

ओबीसी आरक्षण में कटौती का मामला उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने के बाद कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने जा रही है। पार्टी 15 जनवरी, बुधवार को इसी मुद्दे पर प्रदेश के हर जिले में धरना देगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज तथा संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा ने प्रदेश में वर्ग संघर्ष फैलाने के लिए पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती की साजिश की है, ताकि यह बहुसंख्यक वर्ग चुनाव लड़ने से वंचित रह जाये।

प्रदेश अध्यक्ष बैज और संचार प्रमुख शुक्ला ने कहा कि भाजपा की ओर से पहले कहा गया था कि पिछड़ा वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण किया जायेगा। लेकिन जब नियम बनाया, तो ओबीसी आरक्षण शून्य की स्थिति में पहुंच गया। पूरे प्रदेश में जिला पंचायत का एक भी अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित नहीं हुआ। नेताओं ने कहा कि भाजपा की ओर से कांग्रेस पर भ्रम फैलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। अगर ऐसा ही है तो भाजपा नेता ही बता दें कि उनके नए आरक्षण प्रावधान में पिछड़ा वर्ग के लिये क्या व्यवस्था हुई है? पिछड़ा वर्ग का पंचायतों में आरक्षण कम क्यों हो गया? यह प्रदेश में वर्ग संघर्ष करवाने षड़यंत्र है। प्रदेश अध्यक्ष बैज ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत, बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है। त्रिस्तरीय पंचायतों में रायपुर जिला पंचायत में 16 क्षेत्रों में से केवल 4 ओबीसी के लिए आरक्षित है। बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से केवल एक क्षेत्र ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, ओबीसी पुरुष के लिए एक भी नहीं है। भाजपा ने पूरे प्रदेश में यही स्थिति पैदा कर दी है और अब कह रहे हैं कि अनारक्षित वर्ग की आधी सीटों में पिछड़ा वर्ग को लड़ायेंगे। इससे भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है।

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