CG PSC Scam : पूर्व सीएम के ओएसडी और पूर्व परीक्षा कंट्रोलर पर कार्रवाई के लिए CBI को शासन से मिली अनुमति
छत्तीसगढ़ में पीएससी स्कैम की जांच 15 दिन पहले ही सीबीआई ने शुरू की है और इस मामले में बुधवार को दोपहर एक और बड़ी खबर आई है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने पूर्व सीएम के ओएसडी चेतन बोरघरिया और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक पर कार्रवाई की अनुमति सीबीआई को दे दी है। आरती राज्य प्रशासनिक सेवा की सीनियर अफसर हैं और 2021-22 की उस अवधि में पीएससी की परीक्षा नियंत्रक थीं, जिस अवधि में पीएससी में हुए कथित गोलमाल की जांच सीबीआई कर रही है। चेतन बोरघरिया भी प्रशासनिक अफसर हैं। पीएससी मामले में उनकी क्या भूमिका है, इस बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
पीएससी स्कैम की जांच के बाद सीबीआई ने महीनेभर पहले एक्शन शुरू किया और सबसे पहले पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन पूर्व आईएएस टीएस सोनवानी तथा उद्योगपति गोयल को गिरफ्तार किया था। गोयल का बेटा-बहू पीएससी से डिप्टी कलेक्टर चुने गए थे। आरोप यह है कि सोनवानी की पत्नी के एनजीओ को उद्योगपति की ओर से सीएसआर मद में 44 लाख रुपए ट्रांसफर हुए थे। पीएससी इस फंड को सलेक्शन के लिए रिश्वत मान रही है। इसके बाद पीएससी ने डिप्टी कलेक्टर चुने गए दोनों अभ्यर्थियों, सोनवानी के चयनित बेटे-भतीजे और पीएससी के तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार कर लिया था। तभी से यह चर्चाएं थीं कि शिकंजा कभी भी पूर्व कंट्रोलर आरती पर कस सकता है। अब स्पष्ट हुआ कि उनके खिलाफ सीबीआई ने इसी मामले में कार्रवाई की अनुमति ली है। पूर्व सीएम के ओएसडी चेतन पर कार्रवाई की अनुमति क्यों ली गई, यह खुलासा होना बाकी है। दोनों के खिलाफ अनुमति मिलने के बाद क्या एक्शन होगा, यह भी जल्दी स्पष्ट हो जाएगा।