सीबीआई ने शुरू की महादेव सट्टे की जांच… ईडी-ईओडब्लू के बाद रणनीति केस में बड़ी मछलियों को फांसने की
महादेव सट्टा एप छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा केस है, जिसकी जांच राज्य की एजेंसी के साथ अब केंद्र की दो जांच एजेंसियों ने शुरू की है। इस मामले में अब सीबीआई भी उतर चुकी है। सीबीआई की एक स्पेशल टीम छत्तीसगढ़ आई है और महादेव केस में अब तक की जांच के डीटेल्स ईडी और ईओडब्लू से ले रही है। महादेव केस में अब तक सीबीआई में एफआईआर नहीं है, लेकिन जानकारों के मुताबिक यह काम मुश्किल भी नहीं है। महादेव सट्टा मामले में सीबीआई रुचि क्यों दिखा रही है, इसे लेकर कई तरह की बातें हैं। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई अब इस केस में ऐसे लोगों पर शिकंजा कस सकती है, जो अब तक ईओडब्लू और ईडी के शिकंजे में नहीं फंसे हैं। इनमें कुछ राजनेता और कुछ अफसर भी हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि जांच एजेंसियों ने इस केस में पैसों के लेनदेन को लेकर पर्याप्त प्रमाण जुटा लिए हैं।
सीबीआई ने फिलहाल छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले की जांच और गिरफ्तारियों को लेकर चर्चा में है। ईडी अभी शराब स्कैम में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। ईओडब्लू ने पिछले कुछ माह में शराब स्कैम में बड़ी जांच की है और बताते हैं कि इसके नतीजों से ईडी को अवगत कराया जा चुका है। एसीबी-ईओडब्लू जैसी एजेंसियों रिश्वत तथा धन के अवैध संचलन और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में भी लगातार छापेमारियां कर रही है। महादेव सट्टा केस की जांच एक तरह से रुकी हुई है। बीच-बीच में ईडी या ईओडब्लू जैसी एजेंसियां कुछ कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन अब तक हैंडलर, कैश का छोटा-मोटा लेनदेन करनेवाले तथा छोटे कर्मचारियों पर भी एक्शन हुआ है। इस केस में शुरू से ही कई बड़े नाम चर्चा में रहे हैं। हालांकि उनकी चर्चा ही है, अब तक कोई भी जांच के दायरे में नहीं आए हैं। बताते हैं कि महादेव सट्टा केस में इसी छूटे हुए पहलू की जांच के लिए सीबीआई को लाया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस केस में सीबीआई को लाने की एक ही रणनीति है, और वह है कुछ बड़ी कार्रवाइयां। इस केस में जिन नामों की चर्चा चल रही है, उनपर कार्रवाई होती है तो केवल राजनैतिक ही नहीं, एडमिनिस्ट्रेटिव गलियारों में भी खलबली मच सकती है। ये नाम इसलिए नहीं दिए जा सकते, क्योंकि किसी भी एफआईआर में ये नामजद नहीं हैं।