बस्तर इन्वेस्टर्स कनेक्ट : साय सरकार ने लाल आतंक के खात्मे के साथ फैलाई विकास की रोशनी… 967 करोड़ का सॉलिड निवेश, इनसे 2 हजार युवाओं को रोज़गार

बस्तर के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि लाल आतंक के खात्मे के साथ अब वहां विकास की नई रोशनी भी फूट गई है। सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने गुरुवार को बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम के ज़रिए एक बड़ी पहल कर दी है। इस आयोजन में सीएम साय की मौजूदगी में 967 करोड़ रुपए से अधिक के सॉलिड निवेश प्रस्ताव मंज़ूर हुए हैं। वहाँ निवेशक जो भी यूनिट लगाएंगे, उनमे बस्तर के 2100 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलने वाला है।
बस्तर आज विकास की स्वर्णिम सुबह का प्रतीक बनकर उभर रहा है। जो क्षेत्र कभी उपेक्षा और अभाव की पहचान से जूझता था, वह अब निवेश, अवसर और रोजगार का नया केंद्र बन रहा है। यहाँ हर क्षेत्र—उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन—में समावेशी विकास की गूंज सुनाई दे रही है। यह बदलाव न केवल बस्तर की तस्वीर बदल रहा है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की गाथा लिख रहा है।
*रेल–सड़क परियोजनाओं से आएगा बड़ा बदलाव*
बस्तर के विकास को गति देने के लिए सरकार ने ₹5,200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें रावघाट–जगदलपुर नई रेल लाइन (₹3,513.11 करोड़) और केके रेल लाइन (कोत्तवलसा–किरंदुल) के दोहरीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। ये परियोजनाएँ न केवल बस्तर में यात्रा, पर्यटन और व्यापार को नई दिशा देंगी, बल्कि युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोज़गार और औद्योगिक अवसर भी सृजित करेंगी। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से नक्सलवाद उन्मूलन के प्रयास और मजबूत होंगे तथा बस्तर विश्वसनीय निवेश और समावेशी विकास का केंद्र बनकर उभरेगा।
इसके साथ ही, बस्तर में ₹2300 करोड़ की सड़क विकास परियोजनाएँ भी स्वीकृत की गई हैं। कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाने वाला यह संभाग अब छत्तीसगढ़ के सबसे विकसित और समृद्ध क्षेत्रों में से एक बनने की राह पर है। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर धमतरी–कांकेर–कोंडागांव–जगदलपुर मार्ग का एक वैकल्पिक रास्ता बना रही हैं, जो कांकेर, अंतागढ़, नारायणपुर के अबूझमाड़ होते हुए दंतेवाड़ा के बारसूर और आगे बीजापुर तक पहुँचेगा। इन परियोजनाओं से बस्तर के सभी जिलों तक पहुँचने के लिए कई रास्ते उपलब्ध होंगे, जिससे दूरियाँ कम होंगी और योजनाओं व विकास कार्यों की पहुँच और अधिक प्रभावी होगी। यह आधुनिक सड़क नेटवर्क न केवल आवागमन की सुविधा बढ़ा रहा है, बल्कि सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक प्रगति के नए द्वार भी खोल रहा है। इस प्रकार, बस्तर अब संघर्ष की भूमि से आगे बढ़कर संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक बन रहा है।
बस्तर में एनएमडीसी द्वारा ₹43,000 करोड़ तथा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल हेतु ₹200 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। ये निवेश बस्तर की आधारभूत संरचना को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। बड़े निवेशों के साथ-साथ लगभग 1,000 करोड़ का निजी निवेश भी सेवा क्षेत्र और एमएसएमई में किया जा रहा है। यह विविधीकृत विकास रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा और समावेशी व सतत विकास को सुनिश्चित करेगा। कुल मिलाकर लगभग ₹52,000 करोड़ की प्रतिबद्धताओं के साथ बस्तर औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का नया केंद्र बन रहा है।
छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024–30 ने बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में निवेश, नवाचार और रोजगार के नए द्वार खोले हैं। “बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट” संतुलित क्षेत्रीय विकास के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह नीति रोजगार सृजन, उद्यमिता संवर्धन और सामुदायिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करती है, साथ ही बस्तर की जनजातीय धरोहर और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित रखती है। 1,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश या 1,000 से अधिक रोजगार देने वाली परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। फार्मा, एग्रो-प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, आईटी व डिजिटल टेक, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस-डिफेंस और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स को प्राथमिकता दी गई है।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिसमें होटलों, ईको-टूरिज्म, वेलनेस सेंटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स और खेल सुविधाओं पर 45% तक सब्सिडी मिलेगी। बस्तर के 88% ब्लॉक ग्रुप-3 श्रेणी में आते हैं, जिससे निवेशकों को अधिकतम लाभ मिलेगा।समावेशिता को नीति का केंद्र बनाया गया है: एससी/एसटी उद्यमियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त 10% सब्सिडी दी जाएगी। आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को 40% वेतन सब्सिडी (5 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक, पाँच वर्षों के लिए) प्रदान की जाएगी।