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दुर्ग स्टेशन पर दो नन समेत 3 मानव तस्करी में अरेस्ट… नारायणपुर की लड़कियों को ले जा रहे थे आगरा… बड़े बवाल के बाद सीएम साय बोले- प्रलोभन से मतांतरण का केस

छत्तीसगढ़ रेलवे पुलिस ने सोमवार को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर नारायणपुर की तीन ट्राइबल युवतियों को आगरा ले जा रही दो नन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। स्थानीय बजरंग दल की शिकायत पर जीआरपी ने दो नन सिस्टर प्रीति मेरी (45) तथा सिस्टर वंदना फ्रांसिस (50) तथा सुकमन मंडावी (19) को हिरासत में लेकर तीनों युवतियों को छुड़ा लिया। आरोप लगाया गया कि ये तीनों नारायणपुर की लड़कियों को आगरा के अस्पताल में नर्स की नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर ले जा रहे थे। इस मामले में प्रलोभन के जरिए मतांतरण करने का आरोप भी लगाया गया है। इस गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में राजनीति गर्माने लगी, तो सीएम विष्णुदेव साय सामने आए। उन्होंने कहा कि यह मामला मानव तस्करी तथा लालच देकर मतांतरण से जुड़ा है और जांच चल रही है। नारायणपुर की बेटियों को आगरा में नर्सिंग ट्रेनिंग और जाब दिलाने का वादा किया गया था। इस मामले में कानून अपने हिसाब से काम करेगा।

नारायणपुर से जिन लड़कियों को दुर्ग लाया गया, उनकी उम्र 20 साल से कम है। मिली जानकारी के मुताबिक तीनों को नारायणपुर से एक व्यक्ति लेकर आया और दुर्ग में कथित तौर पर दोनों नन के सुपुर्द किया। रेल पुलिस अफसरों ने बताया कि लड़कियों को जाब के लिए बाहर ले जाने से पहले ग्राम सचिव को सूचना देनी थी, या पलायन रजिस्टर में नाम दर्ज करना था। जांच में ऐसी कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं पाई गई। यहां तक कि लड़कियों के परिजन की लिखित सहमति भी नहीं दिखाई जा सकी। दरअसल इस मामले में स्टेशन में बजरंग दल ने प्रदर्शन किया था और जीआरपी को लिखित शिकायत भी की थी। इसके बाद कार्रवाई की गई है। इस मामले में जीआरपी ने आईपीसी की धारा 143(3) के तहत मानव तस्करी तथा छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (1968) के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में बवाल तब शुरू हुआ, जब कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट में लिखा कि दुर्ग स्टेशन में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी दुखद है। दोनों की गिरफ्तारी भाजपा-संघ के ईको सिस्टम पर काम कर रही उग्र भीड़ के दबाव में की गई है।

बवाल मचने के बाद सीएम विष्णुदेव साय सामने आ गए हैं। उन्होंने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की कि नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग दिलाने और उसके पश्चात जॉब दिलाने का वादा किया गया था। नारायणपुर के एक व्यक्ति के द्वारा उन्हें दुर्ग स्टेशन पर दो ननो को सुपुर्द किया गया, जिनके द्वारा उन बेटियों को आगरा ले जाया जा रहा था। इसमें प्रलोभन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग करके मतांतरण किए जाने की कोशिश की जा रही थी। यह महिलाओं की सुरक्षा से सबंधित गंभीर मामला है। इस मामले में अभी जांच जारी है। प्रकरण न्यायालीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है, जहाँ सभी धर्म-समुदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं। हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना बेहद दुर्भाग्यजनक है।

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