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अंबेडकर अस्पताल का सिस्टम धराशायी… 10 हजार रु वाले एल्बुमिन इंजेक्शन चोरी में दो वार्डबॉय हटाए… जांच की जरूरत नहीं समझी, केस रफा दफा

(फोटो: अस्पताल में स्ट्रीट डॉग्स का बेधड़क भ्रमण)

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अंबेडकर अस्पताल का पूरा सिस्टम धराशायी होने लगा है। अस्पताल प्रबंधन इस बुरे दौर में है कि यहां से हाई प्रोटीन एल्बुमिन इंजेक्शन चोरी जैसे संगीन मामले में केवल दो वार्डबॉय को हटाकर पूरा केस रफा दफ़ा कर दिया गया है। अस्पताल में कर्मचारियों से लेकर जूनियर डॉक्टर्स तक में चर्चा है कि बाज़ार में 8 से 10 हज़ार रुपए तक में मिलने वाले इस इंजेक्शन की चोरी में बड़े लोगों का इन्वॉल्वमेंट है, जिन्हें प्रबंधन का भी कथित वरदहस्त है। ऐसे में डेली वेजेस कर्मचारियों को हटाकर तथा कुछ छोटे कर्मियों को नोटिस देकर प्रबंधन ने अपने लोगों को बड़ी कामयाबी के साथ बचा लिया है।

अंबेडकर अस्पताल की व्यवस्था पर पिछले चार छह महीने से उंगलिया उठ रही हैं और मामला अब गंभीर हो गया है। अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों का अस्पताल छोड़कर अचानक निजी प्रैक्टिस के लिए ग़ायब होना पिछले चार पाँच महीने से चर्चा का विषय था, लेकिन अब इसके दुष्परिणाम भी नज़र आने लगे हैं। पिछले हफ़्ते मीडिया ने अस्पताल की कुछ तस्वीरे जारी की थीं, जिसने स्ट्रीट डॉग्स कई विभागों के सामने गैलरीज़ में मंडराते और वार्ड के सामने आराम करते दिखाई दे रहे थे। यह सिलसिला थमा नहीं है, और अब हाई प्रोटीन इंजेक्शन की चोरी का भंडाफोड़ हो गया है। इसमें भी दिलचस्प बात यह कही जा रही है कि संबंधित स्टाफ ने कुछ दिन पहले ही लिखित शिकायत की थी, लेकिन प्रबंधन से जुड़े लोगों के पास फाइलें और चिट्ठियां देखने की फुर्सत ही नहीं है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अस्पताल के एक पूर्व अफसर को संभाग से बाहर पदस्थ किया गया था। वे वहीं से कथित तौर पर अस्पताल की व्यवस्था को अपने इशारे पर चलवा रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक एल्बुमिन इंजेक्शन चोरी के छींटे भी बहुत दूर पदस्थ किए गए उसी अधिकारी के एक नज़दीकी तक पड़े थे, इसलिए दो वार्डबॉय को हटाकर मामले को रफ़ा दफ़ा कर दिया गया।

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