शांतिनगर में नया रेसिडेंशियल-कामर्शियल प्रोजेक्ट 2 हजार करोड़ रुपए का… , डीपीआर पर काम शुरू, प्रोजेक्ट को सरकार मान रही जरूरी

शांतिनगर में पुराने सरकारी बंगलों और मकानों को तोड़कर उनकी जगह बड़ा रेसिडेंशियल और कामर्शियल प्रोजेक्ट लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक यह प्रोजेक्ट हाउसिंग बोर्ड तैयार करेगा और इसकी अनुमानित लागत 2 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। पूरा प्लान भूपेश बघेल की सरकार में बना था और तोड़फोड़ भी शुरू हुई थी, लेकिन काम रुक गया था। सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट ने हाल में इस प्रोजेक्ट को मंजूर किया। इस तरह, हाउसिंग बोर्ड ने इस पर आगे बढ़ने की तैयारी शुरू कर दी है।
शांतिनगर प्रोजेक्ट दो हिस्सों में होगा। इसके तहत शांतिनगर में रेसिडेंशियल यानी आवासीय कालोनी तथा बीटीआई ग्राउंड शंकरनगर में कामर्शियल स्पेस डेवलप किया जाएगा। पूर्ववर्ती सरकार शांतिनगर प्रोजेक्ट को हाउसिंग बोर्ड के अंतर्गत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर बनाना चाहती थी। मौजूदा सरकार इस प्रोजेक्ट को खुद बनाएगी और पीपीपी मोड पर ले जाएगी, अभी यह तय नहीं हुआ है। हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन अनुराग सिंहदेव ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की पुष्टि की और बताया कि डीपीआर बनाया जा रहा है। डीपीआर के बाद प्रोजेक्ट के टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी होगी। गौरतलब है, सांसद तथा वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे राजधानी में दिक्कतें हो सकती हैं। इस संबंध में वे सीएम साय को चिट्ठी भी लिख चुके हैं। जबकि भाजपा सरकार के प्रमुख लोगों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट राजधानी के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा।