पूर्व सीएम भूपेश बघेल, बेटे चैतन्य को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं… हाईकोर्ट जाने के निर्देश दिए शीर्ष अदालत ने

केंद्रीय एजेंसियों ईडी और सीबीआई के खिलाफ पूर्व सीएम भूपेश बघेल की दो रिट पिटीशन तथा गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए उनके बेटे चैतन्य बघेल की ओर से लगाई गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने इंटरटेन नहीं किया है। चैतन्य की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती देने के साथ-साथ ईओडब्लू की ओर से संभावित गिरफ्तारी के खिलाफ अग्रिम जमानत भी लगाई गई थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बागची कहा कि एक ही पिटीशन में पीएमएलए के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने के साथ-साथ व्यक्तिगत राहत भी मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पिटीशन हाईकोर्ट में लगाई जानी चाहिए। वकीलों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि जब किसी मामले में कोई प्रभावशाली व्यक्ति शामिल होता है, तो वह सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करता है। सारे केस सुप्रीम कोर्ट ही सुनेगी, तो बाकी अदालतें किसलिए हैं।
बता दें कि भूपेस बघेल की ओर से ईडी और सीबीआई द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती देते हुए दो रिट पिटीशन लगाई गई थीं। जानकारों के मुताबिक इसमें अग्रिम जमानत भी मांगी गई। इसी तरह, चैतन्य की याचिका में ईडी की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। अभी चैतन्य न्यायिक हिरासत में रायपुर सेंट्रल जेल में हैं। बताया जाता है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल की भूमिका को भी केंद्रीय एजेंसियां कई तरह के स्कैम में जांच के दायरे में रखा है। इन्हीं मामलों से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पिटीशन दाखिल की गई थीं। इनमें से व्यक्तिगत राहत के मामले में शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है, जबकि पीएमएलए कानून के सेक्शंस को चुनौती देने के लिए एक अलग याचिका लगाने के निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि अगर ऐसी याचिका अलग से लगाई जाती है, तो उसे 6 अगस्त को सुनवाई में ले लिया जाएगा।