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भाजपा का पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर बड़ा हमला… कांग्रेस सरकारों ने अडानी को कोल खदानों का आपरेटर बनाया… पिछली सरकार में भेजे सिफारिशी पत्र उजागर किए मंत्री केदार कश्यप ने

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप तथा भाजपा नेताओं ने रविवार की शाम भाजपा कार्यालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर बड़ा हमला करते हुए उनकी सरकार में लिखे गए कई सिफारिशी पत्रों को सार्वजनिक किया है। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि भूपेश सरकार ने कोयला खदानों के आबंटन के लिए कई सिफारिशी पत्र लिखे थे और परमिशन दिलवाई थी।

प्रेस कांफ्रेंस में नान अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, खनिज विकास निगम अध्यक्ष सौरभ सिंह, सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी भी मौजूद थे। मीडिया को संबोधित करते हुए वन मंत्री कश्यप ने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी कांग्रेसनीत केंद्र सरकार ने नियमविरुद्ध ढंग से छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी। साल 2010 में केन्द्र सरकार ने हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया, लेकिन उसी सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कुछ समय बाद ही इसे सबसे पहले गो-एरिया घोषित किया था। मंत्री कश्यप ने कहा कि 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। इसी तरह भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी।

प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री कश्यप ने बताया कि कि 31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है। इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते ही कांग्रेस सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई। महाजेंको कोलफील्ड की स्वीकृति में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संलिप्तता को लेकर खबरें भी छपी थीं। 25 मार्च 2022 को भूपेश सरकार ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के रहते राजस्थान को कोल माइंस का आबंटन किया था। मंत्री कश्यप ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रही तब राजस्थान के तत्कालीन मंत्री बी डी कल्ला ने भूपेश बघेल को पत्र लिखा और राजस्थान के तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने एक सप्ताह के भीतर कोल ब्लॉक आंबटन के लिए कई पत्र लिखे थे।

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