आज की खबर

GST : बोगस बिलों का धंधा, पार्ट-ए पार्ट-बी जैसा चोर अकाउंट्स सिस्टम और गलत ढंग से टैक्स रीबेट पर अब और कड़ा प्रहार

जीएसटी छापेमारी के खिलाफ कुछ जगह भले ही कारोबारियों ने जीएसटी अमले और सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की, लेकिन टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए सरकार अपने तेवर और कड़े करने जा रही है। यह मुद्दा बुधवार को सीएम विष्णुदेव साय की मौजूदगी में जीएसटी विभाग की समीक्षा के दौरान उठा है। सीएम साय ने साफ कर दिया है कि टैक्स चोरों के खिलाफ कार्रवाई सख्त से सख्त होनी चाहिए। जो बोगस बिलों से धंधा करते हैं, टैक्स बचाने के लिए अपने संस्थानों में पार्ट-ए और पार्ट-बी जैसे दोहरी खाता प्रणाली जैसे चोर सिस्टम लागू करते हैं. प्रावधानों को घुमाकर गलत टैक्स का आंकलन करते हैं, उनके खिलाफ और कड़े तेवर अपनाए जाएं। वित्तमंत्री ओपी चौधरी, चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन और सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सीएम के सचिव मुकेश बंसल और राहुल भगत की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स के पैसों का उपयोग प्रदेश के विकास के लिए होता है। जो लोग चोरी कर रहे हैं, वे विकास में बाधक हैं। इनके खिलाफ न सिर्फ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, बल्कि टैक्स वसूली भी सुनिश्चित की जाए।

सीएम ने बुधवार को मंत्रालय स्थित महानदी भवन में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभाग के कार्यों एवं राजस्व संग्रहण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कर की राशि का उपयोग देश-प्रदेश के विकास कार्यों में होता है, इसलिए सभी को ईमानदारी से टैक्स देना चाहिए। बैठक के दौरान अफसरों ने बताया कि वर्ष 2024-25 में राज्य को जीएसटी एवं वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38% है। छत्तीसगढ़ ने 18% की जीएसटी वृद्धि दर हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है। इसके बाद सीएम साय ने फर्जी बिल, दोहरी बही-खाता प्रणाली और गलत दरों का उपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले लोगों पर सख्ती के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की नवाचारी पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण की औसत समय सीमा को 13 दिन से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button