पूर्व सीएम भूपेश, विधायक देवेंद्र और आईपीएस अफसरों समेत अधिकांश परिसरों में सीबीआई की जांच खत्म… एजेंसी का दावा- भारी प्रोटेक्शन मनी लेने के डिजिटल, दस्तावेजी सबूत मिले
महादेव एप आनलाइन सट्टे में सीबीआई ने बुधवार को सुबह पूर्व सीएम भूपेश बघेल, विधायक देवेंद्र यादव, चार आईपीएस तथा दो सीनियर पुलिस अफसरों समेत रायपुर-भिलाई, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली के जिन 60 ठिकानों पर छापे मारे थे, रात 9 बजे तक अधिकांश में जांच पूरी हो गई और सीबीआई अफसर परिसरों से निकल गए। सीबीआई ने प्रेस नोट में दावा किया कि जांच के दौरान काफी संख्या में डिजिटल और दस्तावेजी सबूत मिले हैं, जो इस बात के संकेत दे रहे हैं कि अवैध आनलाइन सट्टेबाजी को स्मूथ चलने देने के लिए लोकसेवकों को भारी प्रोटेक्शन मनी दी गई है। सीबीआई अगले एक-दो दिन तक इन सबूतों का विश्लेषण करेगी। इसके बाद छापेमारी में एकत्र साक्ष्य का ब्योरा दिया जा सकता है।
सीबीआई की छापेमारी टीम शाम करीब पौने 7 बजे सबसे पहले भिलाई स्थित पूर्व सीएम भूपेश के आवास से बाहर आई। यहां सीबीआई को विरोध का सामना करना पड़ा। देवेंद्र यादव के भिलाई आवास के बाहर भी सीबीआई का जमकर विरोध हुआ है। सीबीआई दोनों ही मामलों में सीसीटीवी फुटेज जुटा रही है, ताकि दुर्व्यवहार को लेकर आगे की कार्रवाई की जा सके। बता दें कि कुछ दिन पहले भूपेश बघेल के निवास पर ही ईडी ने भी रेड की थी। ईडी अफसर बाहर आए तो वहां भी कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस मामले में आधा दर्जन भूपेश समर्थकों के खिलाफ ईडी ने एफआईआर करवा दी थी। बहरहाल, नेताओं के अलावा सीबीआई की टीमें आईपीएस अफसरों डा. आनंद छाबड़ा, आरिफ शेख, अभिषेक पल्लव और प्रशांत अग्रवाल तथा पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और निलंबित राप्रसे अफसर सौम्या चौरसिया के निवास स्थानों में भी जांच पूरी कर लौट चुकी है। दो एएसपी अभिषेक माहेश्वरी और संजय ध्रुव के यहां भी कार्रवाई पूरी होने की सूचना है। छापों में किनके यहां क्या मिला और उनकी क्या भूमिका थी, इस बारे में अभी सीबीआई से कुछ भी स्पेसिफिक जानकारी बाहर नहीं आई है। बता दें कि महादेव एप आनलाइन सट्टे की एफआईआर छत्तीसगढ़ की एजेंसी ईओडब्लू ने दर्ज की थी और कुछ अरसा पहले मामला सीबीआई को सौंप दिया था। छापेमारी के लिए सीबीआई ने ईओडब्लू की जांच में मिले इनपुट का भी इस्तेमाल किया है, ऐसा सूत्रों का कहना है।



