Knowledge Story : महासमुंद धान का बेताज बादशाह… इसके बाद बलौदाबाजार और बेमेतरा… रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर संभागों के खेतों से “धान-वर्षा”
प्रदेश के तकरीबन 3 करोड़ लोग यह तो जानते हैं कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यह कम ही लोगों को पता है कि धान के इस कटोरे में सबसे बड़ा हिस्सा किन इलाकों का है। आइये आपको बताते हैं कि प्रदेश के किस जिले में इस बार हमेशा की तरह धान की जबर्दस्त पैदावार हुई और सरकार ने वहां से बहुत ज्यादा धान खरीदा है। सरकार की ओर से जो आंकड़े जारी हुए हैं, उसके मुताबिक प्रदेश में सर्वाधिक धान महासमुंद में हुआ है, जहां से 11.04 लाख टन धान की खरीदी की है। इस तरह, धान की पैदावार में महासमुंद की बादशाहत बनी हुई है। धान की बंपर फसल के मामले में प्रदेश में दूसरा नंबर बेमेतरा जिले का है, जहां इस साल 9.39 लाख टन धान खरीदा गया है। रायपुर से लगा बलौदाबाजार 8.56 लाख टन धान खरीदी के साथ तीसरे नंबर पर है।
जिन जिलों के खेत हर साल खरीफ में बहुत अधिक धान पैदा करते हैं, उनमें बालोद में 7.5 लाख टन, दुर्ग में 5.7 लाख टन, कवर्धा में 6.4 लाख टन, राजनांदगांव में 7 लाख टन, धमतरी जिले में 6.1 लाख टन, गरियाबंद में 5.3 लाख टन, और रायपुर में 6.9 लाख टन धान खरीदा गया है। इसी तरह, बिलासपुर में 6.9 लाख टन, जांजगीर-चांपा में 6.3 लाख टन, कोरबा में 2.9 लाख टन, मुंगेली में 5.5 लाख टन, रायगढ़ जिले में 5.1 लाख टन, सक्ती में 5.1 लाख टन तथा सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 4.6 लाख टन धान खरीदा गया है। इसे ऐसा समझा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ के मैदानी बहुत रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग धान के उत्पादन के मामले में प्रदेश की धुरी हैं। सरगुजा और बस्तर में भी धान का काफी उत्पादन हुआ है, लेकिन इन तीनों संभागों की तुलना में यह काफी कम है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में राज्य शासन ने एमएसपी पर रिकॉर्ड 149.25 लाख टन धान खरीदा है। इसमें मोटा धान 81.98 लाख टन, पतला धान 10.75 लाख टन और सरना धान 56.52 लाख टन है। धान की यह खरीदी राज्य बनने के बाद का सबसे बड़ा रिकॉर्ड भी है।