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धनेली में मां-बेटी का डबल ब्लाइंड मर्डर अवैध संबंध-ब्लैकमेलिंग में… पड़ोसी रहा युवक और उसकी पार्टनर गिरफ्तार… एसएसपी को आते ही मिली चुनौती 20 दिन में सुलझी

धनेली की महिला और उसकी बेटी के अंधे कत्ल का क्राइम ब्रांच ने 20 दिन में खुलासा करते हुए मृतकों के पड़ोस में रह चुके युवक और उसकी लिव इन पार्टनर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के नाम भरतदास दीवान (42) और अनिता लहरे (50) बताए गए हैं। डीआईजी डा. लाल उमेद सिंह के बतौर रायपुर एसएसपी ज्वाइन करते ही यह डबल मर्डर हुआ था और चूंकि मामला ब्लाइंड था, इसलिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया था। करीब 20 दिन की जांच के बाद खुद एसएसपी डा. लालउमेद ने कंट्रोल रूम में हुई प्रेस कांफ्रेंस में इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मृतक हमीदा को आरोपियों ने गला दबाकर मारा। इसके बाद उसकी नाबालिग बेटी की हत्या करके खमतराई इलाके में सड़क किनारे नाले के पास शव फेंक किया। आरोपी ने लड़की से दुष्कर्म भी किया। एसएसपी ने बताया कि आरोपी भरतदास का मृतका के पड़ोस में रहते हुए संबंध हो गया था। आरोपी के बयान के मुताबिक मृतका इसी बात के लिए उसे ब्लैकमेल कर रही थी, जिससे वह और उसकी लिव-इन पार्टनर इतने परेशान हो गए कि हत्या की साजिश रच दी।
भीड़भरी प्रेस कांफ्रेंस में क्राइम ब्रांच दोनों आरोपियों को भी लेकर आई। एसएसपी डा. लालउमेद सिंह ने बताया कि आरोपी और उसकी पार्टनर ने मां-बेटी की हत्या की योजना बनाने के बाद बच्चों को गांव भेज दिया। इसके बाद आरोपी धनेली पुल के पास रहनेवाली महिला के घर पैदल गया। उसने गला दबाकर हमीदा की हत्या कर दी और दोनों कलाइयां चाकू से काटीं। शव पर चादर ढंककर वह अपने घर लौट गया। वहां उसकी पार्टनर अनिता मृतका हमीदा की नाबालिग बेटी की बहलाकर अपने साथ रखे हुए थी। आरोपी ने नाबालिग को भी जमकर पीटा और दुष्कर्म भी किया। लड़की की मौत के बाद वह और अनिता उसके शव को कम्बल से ढ़ंककर मेटलपार्क टर्निंग के पास ले गए। धनेली से रायपुर आने वाले रास्ते में नाले के पास शव को फेंका और दोनों फरार हो गए। चूंकि वारदात में मृतका, उसकी बेटी और आरोपियों का कोई कनेक्शन नहीं मिला, मोबाइल वगैरह भी नहीं था, इसलिए जांच बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई।
इस मामले को आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह ने बेहद गंभीरता से लिया और सुलझाने के लिए रायपुर पुलिस के तमाम आला अफसरों को झोंक दिया। एएसपी लखन पटले, एएसपी क्राइम संदीप मित्तल, सीएसपी अमन झा, डीएसपी क्राइम संजय सिंह, क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर परेश पांडे, टीआई खमतराई और सिलतरा थानेदार समेत 10 टीमें बनाईं। इसमें क्राइम ब्रांच की टेकनिकल टीम को भी शामिल किया गया। इस मामले की जांच इतनी व्यापक थी कि जांच टीमों ने धनेली पुल के पास मृतका के मकान से 30 किमी के दायरे की खाक छानी। लगभग 3 लाख मोबाइल फोन्स का एनलिसिस किया, ताकि कोई टेक-इंट मिले। 10 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाल लिए गए। दो बार क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया गया। तब जाकर पुलिस को शिवानंद नगर में रहनेवाले ई-रिक्शा ड्राइवर भरत सिंह दीवान के बारे में क्लू मिला। उससे तथा उसकी लिव इन पार्टनर से बारीकी से पूछताछ करने के पूरे मामले का खुलासा हो गया। आरोपियों से वारदात के बाद फेंका गया चाकू बरामद कर लिया गया।
पिछले कुछ माह की सबसे बड़ी इन्वेस्टिगेशन
इस ब्लाइंड मर्डर को राजधानी में पिछले कुछ महीनों के दौरान सबसे बड़ी इन्वेस्टिगेशन माना जा रहा है। इसमें क्राइम ब्रांच प्रभारी परेश पाण्डेय इंस्पेक्टर सचिन सिंह, राजेन्द्र दीवान, एसआई उनि सतीश पुरिया, राजेन्द्र कंवर, मुकेश सोरी, एएसआई प्रेमराज बारिक, मंगलेश्वर परिहार, गेंदूराम नवरंग, अतुलेश राय, हेड कांस्टेबल कुलदीप द्विवेदी, उपेन्द्र यादव, अनुप मिश्रा, विजय पटेल, जसवंत सोनी, महेन्द्र राजपूत, चिन्तामणी साहू, रविकांत पाण्डेय, आशीष त्रिवेदी, संतोष दुबे, घनश्याम साहू तथा सिपाही संदीप सिंह, अविनाश देवांगन, बीरेन्द्र बहादुर सिंह, हिमांशु राठौड़, किसलय मिश्रा, विकास शर्मा, अभिषेक सिंह, गणेश मरावी, कमल धनगर, महिपाल सिंह ठाकुर, मुनीर रजा, प्रवीण मौर्य, राकेश पाण्डेय, टीकम साहू, तुकेश निषाद, राजेन्द्र तिवारी, विक्रम वर्मा, पुरूषोत्तम साहू, अनुरंजन तिर्की, अभिषेक सिंह तोमर के साथ महिला आरक्षक कैलजोंग लेप्चा, दुर्गा भोईहार, टीजीआर. शंकर यादव, राकेश सोरी तथा सिलतरा थानेदार बालेश्वर लहरे की महत्वपूर्ण भूमिंका रही।
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