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Interesting Event : हाथी गांव से एक-एक कर धान के 11 बोरे जंगल ले गया… वहीं खाता-फैलाता रहा, फिर उसके साथ 18 और आए… धान नहीं मिला तो खेतों को रौंद गए

खाने की बात हो तो हाथी कितने समझदार और चालाक हो सकते हैं, इसका एक नमूना रायगढ़ के बंगुरसिया गांव में कल (सोमवार रात से आज मंगलवार को सुबह तक) सैकड़ों लोगों और वनकर्मियों ने देखा। इस गांव में धान खरीदी केंद्र है, जहां सैकड़ों बोरे धान रखा है। सोमवार को रात करीब साढ़े 9 बजे हाथी गांव में घुसा और खरीदी केंद्र में पहुंच गया। गांववाले पीछे-पीछे आए और जमकर शोर मचाया। लेकिन हाथी धान के बोरे उठा-उठाकर जंगल ले जाता रहा और उसे खाकर फिर लौट आता था। ऐसा करीब 3 घंटे चला और हाथी लगभग 11 बजे जंगल ले गया। उसके जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली और घरों को लौटकर सोए ही थे कि 3 बजे गांव में 18 हाथी घुस गए। धान केंद्र के आसपास इकट्ठा लोगों ने हल्ला मचाया, तो 18 हाथियों का यह दल गुस्साकर लोगों की बाड़ियों में घुसने लगा और सब्जी की फसल रौंदने लगा। बड़ी मुश्किल ये हाथियों का यह दल गांव से बाहर निकला, लेकिन तब तक कई खेतों को बर्बाद कर चुका था। तब तक सुबह हो गई और लोग अपने काम पर लग गए। इधर, रात में जो हाथी धान के बोरे लेकर गया था, वह फिर सड़क पर खड़ा हो गया। वहां मौजूद वनकर्मियों ने सड़क बंद करवाई और हाथी को खदेड़ने के लिए हल्ला मचाया। कुछ देर सड़क पर रहकर हाथी फिर जंगल में चला गया। जिस वक्त यह खबर ली जा रही है, गांव में हाथी मित्र दल, आम लोग और वनकर्मी मौजूद हैं। वजह ये है कि इसी जंगल में 60 हाथियों की मौजूदगी का पता चला है। एक हाथी धान के बोरे देखकर और खाकर जा चुका है। सब इसलिए मुस्तैद हैं कि कल 18 हाथी गांव में आए थे, आज रात और बड़ा दल न आ जाए। सिर्फ बंगुरसिया ही नहीं, बल्कि हाथी के धान खाने के बाद लगे हुए गांव के लोग भी चिंतित हैं क्योंकि धान के बोरे लगभग सभी जगह हैं।

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